नई दिल्ली । कोरोना के चलते दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है। छात्र-छात्राओं के इंटर्नल एग्जाम के आधार पर इवैल्युएशन कराकर उन्हें उत्तीर्ण किया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को डिजिटल पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।
उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली सभी यूनिवर्सिटी के लिए भी यही रास्ता अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुझाव मानना या न मानना केंद्र पर निर्भर करता है।
सिसोदिया ने कहा कि सभी यूनिवर्सिटीज़ को फाइनल एग्ज़ाम कैंसल कर छात्रों के इवैल्युएशन का कोई पैमाना तैयार कर डिग्री जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया है। कोरोना की वजह से एग्ज़ाम लेना और डिग्री न देना अन्याय होगा। ये निर्णय स्टेट यूनिवर्सिटीज़ के लिए लिया गया है।
सिसोदिया ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि इससे छात्र-छात्राओं पर मानसिक दबाव भी नहीं पड़ेगा और कोरोना संक्रमण से लड़ाई भी चलती रहेगी।
सिसोदिया ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्कूल और कॉलेज अभी बंद हैं, जब स्कूल बंद किए गए थे तब उनकी परीक्षा चल रही थी। ऐसे में हमने 9वीं और 11वीं के बच्चों के बारे में फैसला लिया था कि उनकी परीक्षा की जगह बिना एग्जाम के अगली क्लास में भेजेंगे। इस बाबत हमने केंद्र सरकार से दसवीं और बारहवीं के बारे में भी यही व्यवस्था करने को कहा था। केंद्र सरकार ने इसको मान लिया था। स्कूल का मामला अलग था, लेकिन यूनिवर्सिटी का मामला थोड़ा पेचीदा है। जिस सेमेस्टर को पढ़ाया ही नहीं गया उसके बारे में एग्जाम लेना मुश्किल है यह दिल्ली सरकार का मानना है।
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