काबुल । अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में इन दिनों लाउडस्पीकरों (loudspeakers) का शोर लोगों की नींद और शांति चुरा रहा है। जो कभी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा था, अब वो पर्यावरण और समाज के लिए बड़ी समस्या बन चुका है। स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से सड़क पर ठेला लगाने वाले विक्रेताओं के लाउडस्पीकरों पर सख्त पाबंदी लगाने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि इनके लगातार चिल्लाने से सार्वजनिक जगहें शोर-शराबे और अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई हैं।
काबुल के रहने वाले उमर ने टोलो न्यूज को बताया कि सुबह के ठीक 6 बजे से ही ये लोग मिनरल वाटर बेचने के लिए तेज आवाज में चिल्लाने लगते हैं, बिना ये सोचे कि घर में कोई मरीज तो नहीं सो रहा। ये सिलसिला शाम तक चलता रहता है। वहीं, एक अन्य निवासी फिरोज ने शिकायत की कि ये लाउडस्पीकर रात के 9-10 बजे तक गूंजते रहते हैं। उन्होंने सरकार से इनके इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की। एक और व्यक्ति ने सुझाव दिया कि कम से कम आवाज की तीव्रता कम करें या इन्हें सिर्फ तय इलाकों तक सीमित रखें।
अधिकारियों का कहना है कि काबुल की बाजार संस्कृति में शोर घुल-मिल गया है, इसलिए इसे जड़ से उखाड़ना मुश्किल है। पहले कुछ लोगों ने सलाह दी थी कि विक्रेता लिखित दामों की तख्तियां लगाकर लाउडस्पीकर से बचें। इन अपीलों के बावजूद शहर में ध्वनि प्रदूषण अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved