
चीन (China) हमें आंखें दिखा रहा है… हमारे पड़ोसी मुल्कों को बंधुआ (bonded) बनाकर हमारे खिलाफ भडक़ा रहा है… हमारी सरहदों में घुसा जा रहा है… हम पाकिस्तान (Pakistan) की दुश्मनी के राग अलाप रहे हैं और चीन की चालों से नजर फिरा रहे हैं… वो अरुणाचल को अपना बताता है… भारत से चीन गई एक महिला के पासपोर्ट को अवैध ठहराता है और भारत खामोश हो जाता है… देश इस हिमाकत का विरोध नहीं कर पाता है… विपक्ष भी खामोश होकर बैठ जाता है… 25 साल पहले देश के रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस ने चेताया था कि चीन हमारा पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन है, लेकिन न हम तब सतर्क हुए और न अब हैं… हमें विश्वगुरु के सपने दिखाए जा रहे हैं… तीसरी अर्थव्यवस्था के सपने सजाए जा रहे हैं… दुनियाभर में भारत के बजते डंके सुनाए जा रहे हैं… जहां-जहां प्रधानमंत्री जाते हैं वहां लहराते तिरंगा, बजते ढोल और जिंदाबाद के नारे सुनाए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि दुश्मन बढ़ते जा रहे हैं और दोस्त घटते जा रहे हैं… चीन और पाकिस्तान हमें अपना शत्रु मानते हैं, लेकिन उनकी चालों को समझ नहीं पाते हैं और समझते भी हैं तो हवा में उड़ा जाते हैं… चीन ने पाकिस्तान को हथियार थमाए… श्रीलंका को अपना बनाया और नेपाल को कर्जा देकर बंधक बनाया… बांग्लादेश हमारे हाथ से जा चुका है… मालदीव से हम पंगा ले चुके हैं… म्यांमार पहले ही मरा हुआ है और भूटान खुद भिखारी की तरह खड़ा है… अफगानिस्तान भरोसे के लायक नहीं है… देश के सभी 9 पड़ोसियों से हम या तो दूरी या दुश्मनी बना चुके हैं… सारे के सारे चीन और पाकिस्तान को अपना बना रहे हैं और हम रूस-अमेरिका की दुश्मनी में पिसे जा रहे हैं…प्रधानमंत्री मोदी से दोस्ती का राग अलापते दोगले ट्रंप एक ओर जहां टैरिफ बढ़ाते हैं, वहीं देश के इकलौते बचे मित्र रूस से रिश्ते मिटाना चाहते हैं… हम विदेश नीति में नाकाम हो चुके हैं… हम चाहते तो श्रीलंका की आर्थिक मदद कर उसे चीन के चंगुल से बचा सकते थे…नेपाल को अपना बना सकते थे…मालदीव से संबंध सुधार सकते थे, लेकिन उन्हें छोटा देश समझने की भूल ने हमें और छोटा बना दिया…ऑपरेशन सिंदूर में हारे पाक की सबसे बड़ी जीत यह रही कि वो अमेरिका और चीन के नजदीक जा पहुंचा…अब कंधा पाकिस्तान का है और हथियार चीन के…हाथ अमेरिका का है और निशाने पर हम…अब भी हकीकत नहीं समझ पाए तो प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं में बजते ढोल और नाचते लोगों के साथ प्रायोजित जिंदाबाद को हम देश की कामयाबी और बुलंदगी मानते रहेंगे और सरहदों पर दुश्मन पैठ बढ़ाते रहेंगे…
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