
डेस्क। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने अभिनेता अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की आगामी फिल्म ‘जॉली एलएलबी 3’ (Jolly LLB 3) के खिलाफ दायर याचिका (Petition) को खारिज कर दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि फिल्म में जजों और वकीलों (Judges and Lawyers) का मजाक उड़ाया जा रहा है, जिससे न्याय व्यवस्था की गरिमा को ठेस पहुंचेगी। याचिकाकर्ता का कहना था कि फिल्म के प्रोमो और डायलॉग्स से ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें कोर्टरूम प्रक्रियाओं को हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाया गया है। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए या इसमें आवश्यक संशोधन किए जाएं।
याचिकाकर्ता ‘एसोसिएशन फॉर एडिंग जस्टिस’ की ओर से दायर इस याचिका में दावा किया गया था कि फिल्म के एक गाने ‘भाई वकील है’ के बोल पूरे वकालत पेशे को अपमानित करते हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि फिल्म के कुछ दृश्यों में जजों को ‘मामू’ कहकर संबोधित किया गया है, जो न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ है। याचिकाकर्ता के वकील दीपेश सिरोया ने अदालत में कहा कि ये सिर्फ वकीलों का नहीं, बल्कि जजों का भी मजाक उड़ाने जैसा है। उन्होंने मांग की थी कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए और संबंधित गाने को हटाया जाए।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंकल की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान इस याचिका पर गंभीरता से विचार तो किया, लेकिन अदालत ने साफ कहा कि उन्हें इस तरह की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। बेंच ने मुस्कराते हुए कहा- ‘हम शुरुआत से ही मजाक का सामना कर रहे हैं। हमारी चिंता मत कीजिए।’ इसके साथ ही अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि फिल्म पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है।
फिल्म निर्माताओं ने अदालत को बताया कि इसी तरह की याचिका पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी दायर की गई थी, जिसे वहां भी खारिज कर दिया गया। इससे साफ है कि न्यायपालिका को लेकर दिखाए गए सिनेमा पर रोक लगाने का इरादा अदालतों का नहीं है।
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