
नई दिल्ली । ‘सफेदपोश’ आतंकवादियों के मॉड्यूल(Module) को लेकर जांच के दौरान लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं। जांच में पता चला है कि गिरफ्तार(arrested) की गई लखनऊ (Lucknow)की डॉक्टर शाहीन(Dr Shaheen) इस पूरे मॉड्यूल की सरगना के तौर पर काम कर रही थी। वह बाकी आतंकियों को लगातार गाइडलाइन्स देती थी। इसके अलावा उसकी डायरी और नोट्स से बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर यह मॉड्यूल 6 शहरों को दहलाने की साजिश कर रहा था। इसमें अयोध्या भी शामिल हो सकता था।
बता दें कि डॉक्टर शाहीन को बाकी आतंकी ‘मैडम सर्जन’ कहते थे। जानकारी के मुताबिक शाहीन ही सभी आतंकियों को अलग-अलग शहरों में बम धमाके करने का काम सौंप रही थी। फरीदाबाद में शाहीन के ठिकाने से कई डिजिटल सूबत, नोट्स और डायरियां मिली हैं।
उसके दस्तावेजों में इसे ‘D-6 मिशन’ का नाम दिया गया था। शाहीन ने आतंकियों से संपर्क करने, भर्ती और उनके खर्च की भी देखरेख की जिम्मेदारी ले रखी थी। डॉक्टर शाहीन 2021 से ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी। डॉ. उमर, मुजम्मिल और शाहीन को हैंडलर्स ने बड़ी जिम्मेदारियां दी थीं।
जांच में पता चला है कि विदेश में बैठे आतंकियों ने हवाला के जरिए मुजम्मिल, उमर और शाहीन तक 20 लाख रुपये पहुंचाए थे। इसका इस्तेमाल फोन खरीदने, सुरक्षित ठिकाना तलाशने और भर्तियों में किया जाता था। एजेंसियां शाहीन की बैंकिंग गतिविधियों की भी जांच कर रहा है। इसके अलावा पता लगाया जा रहा है कि क्या उसको पैसे पहुंचाने या फिर ट्रांसफर करने में कोई और भी मदद करता था। शाहीन के कानपुर में तीन अकाउंट. लखनऊ में दो और दिल्ली में दो बैंक अकाउंट हैं।
डॉ. शहीन ने लंबे समय तक कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी काम किया था। जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच डॉ. शहीन से मिलने वालों, ड्यूटी रोस्टर और अन्य डेटा भी खंगाले जा रहे हैं। डॉ. शहीन के साथ काम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि वह डॉ. शाहीन का व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा था।
इसके अलावा वह अपना छोटा बच्चा लेकर कॉलेज आती थीं क्योंकि उसका कहना था कि घर में कोई देखभाल करने वाला नहीं है। शाहीन अपने तलाक के बारे में किसी से बात नहीं करती थी। दिसंबर 2013 में उसने कैंपस छोड़ा था। शाहीन ने 4 जनवरी को वापस ड्यूटी जॉइन करने की बात कही थी लेकिन फिर वह कभी नहीं लौटी। शाहीन का पता लगाने मेडिकल कॉलेज के दो कर्मचारी दिए गए अड्रेस पर पहुंचे थे लेकिन वह वहां नहीं मिली।
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