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डीआरडीओ ने दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए बनाई आधुनिक तोप उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम

July 08, 2025

नई दिल्ली. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए आधुनिक तोप उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGAS) तैयार कर लिया है। अब इसके परीक्षण की तैयारी हो रही है। पुणे में मौजूद आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) के साथ मिलकर, और प्राइवेट कंपनियां जैसे भारत फोर्ज (Bharat Forge) और टाटा (Tata) एडवांस्ड सिस्टम्स के सहयोग से बनी यह तोप 2.5 मिनट में 10 गोले दाग सकती है। खास बात यह है कि इसे रेगिस्तान से बर्फीली चोटियों तक कहीं भी तैनात किया जा सकता है।


एटीएजीएस तोप दुनिया की सबसे बेहतरीन तोप प्रणालियों में से एक है। यह 155 मिमी / 52 कैलिबर की तोप है। इसे 2012 में डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) के लिए मंजूर किया गया था।

एटीएजीएस की अधिकतम मारक दूरी 48 किलोमीटर है। इसमें 25 बमों की क्षमता वाला बैरल है और यह जोन सात में फायर कर सकती है। इसके अलावा यह सटीक निशाना लगा सकती है। इसे सभी मौसम और भूभागों में आसानी से तैनात किया जा सकता है।

यह सेना के पास मौजूद गोला-बारूद दागने के लिए अनुकूल है। भारतीय सेना के आर्टिलरी कॉम्बैट कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (एसीसीसीएस) के साथ जुड़ने की क्षमता। एसीसीसीएस का उद्देश्य प्रक्षेप पथ गणना और संचार के क्षेत्रों में गोपनीयता के साथ फील्ड आर्टिलरी को स्वचालित करना है।

इसमें दो प्रमुख असेंबली हैं। ऊपरी कैरिज और अंडरकैरिज। ऊपरी कैरिज में हथियार असेंबली (बंदूक बैरल, ब्रीच और थूथन ब्रेक), रिकॉइल सिस्टम, क्रैडल, सैडल, एलिवेटिंग और ट्रैवर्सिंग मैकेनिज्म, लेयर स्टेशन, लोडर स्टेशन और गोला-बारूद हैंडलिंग सिस्टम है। जबकि अंडरकैरिज में संरचनात्मक, ऑटोमोटिव और सहायक सिस्टम शामिल हैं।

इसे इलेक्ट्रिक ड्राइव के साथ जोड़ा गया है। यह शेल और चार्ज लोडिंग, रैमिंग और गन डिप्लॉयमेंट का ऑटोमैटिक संचालन कर सकता है। इससे फायरिंग क्षमता भी बढ़ती है।

एटीएजीएस स्वत: प्रणोदन क्षमता से लैस है। सहायक पावर यूनिट से जुड़ी इस क्षमता में एक ऑटोमोटिव सिस्टम, हाइड्रोलिक ट्रांसमिशन और एक्चुएशन मैकेनिज्म शामिल है। इससे एटीएजीएस को गतिशील, तैनाती और गन ऑटोमेशन की शक्ति मिली।

यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के फायर मोड में काम कर सकती है। इसमें कई निगरानी सिस्टम लगाए गए हैं। ऑप्ट्रॉनिक मोड के जरिये प्रत्यक्ष फायर मोड में तोप 1.5 किमी दूर तक के लक्ष्यों को भेद सकती है। इसमें एक डे कैमरा, थर्मल इमेजिंग और 2 किमी तक की पहचान सीमा और 10 किमी तक की पहचान सीमा के साथ एक लेजर रेंज फाइंडर शामिल है।

रिकॉइल सिस्टम के डिजाइन और विश्वसनीयता को कम से कम 100 चक्रों के निरंतर रिकॉइल और रन आउट चक्रों को पूरा करके तैयार किया गया। रिकॉइल सिस्टम का परीक्षण विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्थिर और हाइड्रोलिक परीक्षण बेंच पर किया गया था, जिसमें गतिशील स्थितियों का अनुकरण किया गया था जिसके तहत बंदूक अंततः काम करेगी।

एटीएजीएस 2.5 मिनट के बहुत कम समय में एक लक्ष्य पर 10 गोले दाग सकती है। बर्स्ट फायर मोड में 60 सेकंड में पांच राउंड दाग सकती है। गोला-बारूद के प्रकार के आधार पर यह 48 किलोमीटर तक गोले दाग सकता है।

भारतीय सेना ने मार्च 2025 में 307 एटीएजीएस तोपों का ऑर्डर दिया है। इस ऑर्डर को भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा गया है। यानी 60% तोपें भारत फोर्ज बनाएगा और 40% टाटा कंपनी। ये सभी तोपें पांच साल की अवधि में सेना को सौंपी जाएंगी।

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