
जबलपुर। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का पत्र (Letter) भेजकर बताया था ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस (Human Trafficking Case) में संदिग्ध होने का पत्र भेजकर कथित आईपीएस तथा सीबीआई अधिकारी ने वृद्ध (Elderly Nan) को दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट (Digitally Arrested) किया। इसके बाद एक बैंक खाते (Bank Account) में सारी रकम एकत्र करते हुए उससे 76 लाख रुपये पार कर दिये। वृद्ध को ठगे जाने का अहसास होने पर उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने कथित आईपीएस तथा सीबीआई अधिकारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए उसके संबंध में पतासाजी प्रारंभ कर दी है।
क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार संजीवनी नगर निवासी अनिल कुमार नन्हौरया उम्र 72 साल के पास 22 नवंबर 25 की सुबह करीब 10.30 बजे कॉल आया था। कॉल करने वाले ने बताया कि वह डिपार्टमेंट एंड टेलीकम से बोल रहा हूं और आपके नाम से जारी सिम का उपयोग कर लोगों को डराया धमकाया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट दिल्ली थाना में दर्ज हुई है। आपको दिल्ली आकर थाना में स्टेटमेंट दर्ज करना होगा। निवेदन करने पर उसने कहा कि दिल्ली नहीं आकर आप अपने स्टेटमेंट ऑनलाइन दर्ज करवा सकते है। उन्हाेंने इसके लिए उन्हें दिल्ली थाने के फोन क्रमांक 9573352514 पर बात करनी होगी।
उक्त नम्बर पर फोन लगाने पर सामने वाले व्यक्ति ने खुद का नाम आईपीएस विजय कुमार बताया था। इसके बाद कथित आईपीएस अधिकारी विजय कुमार ने सुबह 11.21 बजे वीडियो कॉल से बात की और वाट्सअप पर दर्ज केस की जानकारी दी। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे पुनः वीडियो कॉल करते हुए बताया कि आप सीबीआई में दर्ज सदाकत खान ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में संदिग्ध हैं। सदाकत खान के पास आपके नाम का एटीएम कार्ड मिला है जो केनरा बैंक, मुंबई का है। वृद्ध के संदिग्ध होने का सर्वोच्च न्यायालय के पत्र की प्रति भी व्हाट्सएप पर भेजी गई।
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