
डेस्क: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को जून में बिजली बिल (Bill) में 4.27 फीसदी की वृद्धि का सामना करना पड़ेगा. यह बढ़ोतरी नई ईंधन अधिभार शुल्क नीति (New Fuel Surcharge Fee Policy) के तहत हो रही है, जिसके जरिए मार्च का 390 करोड़ रुपये का अधिभार जून के बिलों में वसूला जाएगा. प्रदेश में करीब 3.45 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं. यह वृद्धि तब हो रही है, जब उपभोक्ताओं पर विद्युत निगमों का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है.
अप्रैल में बिजली दरें 1.24 फीसदी बढ़ी थीं, जबकि मई में 2 फीसदी की कमी आई थी. अब जून में फिर से दरें बढ़ने पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कड़ा विरोध जताया है. परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसे गैर-कानूनी करार देते हुए कहा कि पावर कॉर्पोरेशन ने मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के तहत संशोधित एआरआर में 30 फीसदी दर वृद्धि का प्रस्ताव रखा है, जो उपभोक्ताओं पर भारी बोझ डालेगा.
अवधेश वर्मा ने सुझाव दिया कि ईंधन अधिभार शुल्क के बजाय उपभोक्ताओं के बकाये से कटौती की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, “जब अधिभार अधिक हो, तो बकाया राशि से समायोजन करना चाहिए. परिषद जल्द ही इस मुद्दे को विद्युत नियामक आयोग के समक्ष उठाएगी.” इसके अलावा, अवधेश वर्मा ने निजीकरण के मुद्दे पर उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में लोक महत्व का एक प्रस्ताव दाखिल किया.
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