
नई दिल्ली: कानपुर स्थित नई पीढ़ी की एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी नाइट्रो डायनेमिक ने अपना एडवांस A5 मेगलान (Aquatle-A5) Autonomous USV लॉन्च किया है. यह पूरी तरह स्वायत्त (Autonomous) सतही पोत आधुनिक AI तकनीक के साथ समुद्री सुरक्षा, निगरानी और पर्यावरण मॉनिटरिंग में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है. कंपनी ने इसे भारतीय नौसेना को सर क्रिक क्षेत्र और इंडियन ओशन रीजन जैसे सुरक्षा मिशनों के लिए प्रस्तावित किया है.
यह यूएसवी कंपनी के Brainbox AI एल्गोरिद्म पर चलता है, जो इसे खुद निर्णय लेने में सक्षम बनाता है. यह अकेले या कई यूएसवी के समूह (swarm) में मिलकर भी ऑपरेशन चला सकता है. यह पारंपरिक ROVs से बेहद उन्नत है. मेगलान ऑटोनॉमस बोट 7 से 8 दिनों तक पानी में रह सकती है.
मल्टी-मिशन यूएसवी- MEGLAN कई तरह के मिशन संभाल सकता है, जिनमें, इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस (ISR), समुद्री माइन्स की पहचान और माइन काउंटर मेजर्स (MCM), हाइड्रोग्राफी और समुद्री गहराई सर्वे, सर्च एंड रेस्क्यू (SAR) ऑपरेशन और छोटे प्वाइंट-टू-प्वाइंट कार्गो मिशन शामिल हैं.
एडवांस सेंसर सिस्टम- इसमें ऑप्टिकल, थर्मल, लेजर, रडार और AIS जैसे कई सेंसर लगे हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी वस्तुओं को पहचानने, ट्रैक करने और वर्गीकृत करने में सक्षम हैं.
थ्रेट डायग्नोसिस में स्मार्ट- MEGLAN असामान्य गतिविधियों को पहचान सकता है. जैसे समुद्री लुटेरों की नावें, बिना लाइट के डार्क वेसल्स और संदिग्ध मूवमेंट. यह 32 भाषाओं में कम्युनिकेशन को समझकर खतरे का विश्लेषण भी कर सकता है.
हाई सिक्योरिटी डिजाइन- इसमें vein-printing आधारित सुरक्षित एक्सेस सिस्टम है. यह पूरी तरह इलेक्ट्रिक ड्राइव पर चलता है, जिससे पर्यावरण पर कम असर पड़ता है. इसकी लागत पारंपरिक समुद्री निगरानी प्लेटफॉर्म की तुलना में काफी कम बताई जाती है. इसके इस्तेमाल से ह्यूमन लॉस का खतरा कम होता है.
कंपनी ने भारतीय नौसेना को MEGLAN USV का प्रस्ताव सौंपा है, ताकि सर क्रीक क्षेत्र की संवेदनशील सीमा पर चौकसी बढ़ाई जा सके. हिंद महासागर क्षेत्र में रियल-टाइम निगरानी और सुरक्षा मजबूत हो सके. अगर यह प्रणाली नौसेना के बेड़े में शामिल होती है, तो भारत की समुद्री निगरानी क्षमता और सुरक्षा ऑपरेशंस को बड़ी मजबूती मिलेगी.
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