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इंश्योरेंस स्कीम पर EPFO का बड़ा अपडेट, पैसे पाने के लिए ऐसे करना होगा क्लेम

नई दिल्ली: इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड आर्गेजनाइजेशन यानी कि EPFO ग्राहकों को इंश्योरेंस कवरेज की सुविधा देता है. आपने ऐसी कई खबरें देखी-सुनी होंगी जिसमें इंश्योरेंस का पैसा क्लेम करने के लिए लोगों को मशक्कत करना होता है. काफी मेहनत के बाद भी पैसा पीएफ खाते से नहीं निकल पाता. अगर निकलता भी है तो बहुत भाग-दौड़ करनी होती है. इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए रिटायरमेंट फंड की संस्था ईपीएफओ ने एक क्लेरिफिकेशन जारी किया है. इसमें बताया गया है कि नया नियम क्या है और कैसे क्लेम करना है.

ईपीएफओ अपने मेंबर को इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस यानी कि EDLI स्कीम के तहत इंश्योरेंस की सुविधा देता है. अगर ईपीएफओ सदस्य गुजर भी जाए और उसके खाते में पैसे जमा न भी किए जाएं तो इंश्योरेंस का लाभ उसके नॉमिनी को दिया जाता है. हालांकि इसका एक नियम यह है कि मृत्यु के दिन उस मेंबर का नाम कंपनी के मस्टर रोल में शामिल होना चाहिए. कुछ और शर्तें भी शामिल हैं जिनका पालन करना जरूरी है.

ईपीएफओ को यह क्लेरिफिकेशन इसलिए देना पड़ा है क्योंकि कुछ शिकायतें मिली हैं कि ईडीएलआई स्कीम में नाम जुड़े होने के बावजूद अधिकारी क्लेम को खारिज कर देते हैं. इसकी वजह ये बताई जाती है कि मेंबर के खाते में पहले से ईपीएफ का पैसा जमा नहीं हो रहा था.

क्या है EDLI स्कीम
इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम एक अनिवार्य इंश्योरेंस कवर है जो ईपीएफ स्कीम में ग्राहकों को दिया जाता है. ईडीएलआई स्कीम में नॉमिनी को एक लमसम अमाउंट दिया जाता है जब कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है. क्लेम की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि कर्मचारी ने पिछले 12 महीने में कितनी सैलरी प्राप्त की है. अधिकतम सैलरी की राशि 7 लाख रुपये तक हो सकती है. इस केस में कम से कम 2.5 लाख रुपये का डेथ कवर मिलता है.


कब मिलता है स्कीम का लाभ

  • कर्मचारी भले ही एक संस्थान से दूसरे संस्थान में नौकरी बदल ले, लेकिन उसे ईडीएलआई के तहत इंश्योरेंस स्कीम का लाभ दिया जाता है.
  • ध्यान ये रखना होता है कि मृत्यु के वक्त ईपीएफओ मेंबर ईपीएफ स्कीम का एक्टिव मेंबर होना चाहिए.
  • इसी तरह, ईपीएफओ मेंबर को अपने पीएफ खाते में नॉमिनी का नाम भी दर्ज करना होता है. नॉमिनी ही मेंबर का पैसा क्लेम करने का हकदार होगा या होगी. मेंबर चाहे तो एक से अधिक नॉमिनी नाम दर्ज कर सकता है और उनके बीच शेयर भी निर्धारित कर सकता है.

इंश्योरेंस का क्लेम कैसे करें
इसके लिए दावेदार या नॉमिनी को ईडीएलआई फॉर्म 5 आईएफ को विधिवत रूप से भरा और जमा किया जाना चाहिए. क्लेम फॉर्म को कंपनी की ओर से हस्ताक्षरित और प्रमाणित किया जाना चाहिए. इंश्योरेंस का पैसा सीधे नॉमिनी व्यक्ति या कर्मचारी के कानूनी उत्तराधिकारी के बैंक खाते में जमा किया जाता है. ईपीएफ आयुक्त को क्लेम प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर क्लेम का निपटान करना आवश्यक है. अन्यथा, नॉमिनी प्रति वर्ष 12 प्रतिशत के ब्याज का हकदार होता है.

कैसे करें नॉमिनेशन

  1. ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाएं और ‘सर्विसेज’ पर जाएं.
  2. अब, इंप्लॉइज पर जाएं और ‘सदस्य यूएएन/ऑनलाइन सेवा’ पर क्लिक करें.
  3. यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें.
  4. ‘मैनेज टैब’ के तहत, ई-नॉमिनेशन चुनें.
  5. फैमिली डिक्लेरेशन को अपडेट करने के लिए ‘हां’ पर क्लिक करें.
  6. ‘ऐड फैमिली डिटेल्स’ पर क्लिक करें (एक से अधिक नॉमिनी व्यक्ति जोड़े जा सकते हैं).
  7. शेयर की कुल राशि घोषित करने के लिए ‘नॉमिनेशन डिटेल्स’ पर क्लिक करें. ‘सेव ईपीएफ नॉमिनेशन’ पर क्लिक करें.
  8. ओटीपी जनरेट करने के लिए ‘ई-साइन’ पर क्लिक करें और आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को सबमिट करें. इसके साथ ही ई-नॉमिनेशन पूरा हो जाता है. नियोक्ता को कोई फिजिकल पेपर भेजने की आवश्यकता नहीं है.
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