
नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Protest against all three agricultural laws) कर रहे किसान 22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे हैं। इस प्रदर्शन की रूप रेखा तैयार करने को लेकर बुधवार को किसान नेताओं ने बैठक (Farmer leaders meeting) की। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा कि 22 जुलाई से, संसद के प्रत्येक कार्य दिवस के दिन, 200 किसान कार्यकर्ता और नेता निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से संसद भवन की ओर (Towards Parliament House in a peaceful manner) मार्च करेंगे।
मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों के दैनिक जत्थे में दिल्ली की सीमाओं के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों से, विभिन्न संगठनों से चुने गए किसान नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। 26 जुलाई और 9 अगस्त को महिला किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से विशेष संसद विरोध मार्च निकाला जायेगा।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने आज एक पीपल्स व्हिप जारी किया। यह पीपल्स व्हिप लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए जारी किया जाएगा। इस व्हिप में किसानों की ओर से सांसदों को सदन से वॉकआउट न करने का निर्देश दिया गया। किसान नेताओं का कहना है कि सभी सांसद सदन में रहें और तीनों कृषि कानूनों का विरोध करें। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अगर किसानों के व्हिप को सांसद नहीं मानते हैं तो भारत के किसान हर पटल पर उन सांसदों का विरोध करने के लिए बाध्य होंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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