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सोनभद्र में खदान धंसने से अंदर फंसे 15 लोग…. रेस्क्यू में बाधा बनी दो बड़ी चट्टान

November 17, 2025

सोनभद्र। सोनभद्र (Sonbhadra) में ओबरा (Obra) के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र (Billi Markundi Mining Area) में धंसी खदान में बड़ी चट्टानें राहत और बचाव कार्य में बाधा बन गई हैं। दबे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अल्ट्राटेक और दुसान की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम (Technical Expert Team) को बुलाया गया है। खदान धंसने से लगभग 30 फीट लंबी-चौड़ी चट्टान के ठीक उपर उससे चार गुना हैवी चट्टान आ जाने से रेस्क्यू आपरेशन (Rescue operation.) में दिक्कत आ रही है। एकबारगी अल्ट्राटेक ओर दुसान कंपनी के एक्सपर्ट ने हाथ खड़े कर दिये। उन्होंने टेक्निकल एक्सपर्ट टीम को मौके पर बुलाए जाने की बात कही। शाम को अल्ट्राटेक और दुसान की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम के मौके पर पहुंचने पर फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इससे पहले एडीजी जोन की मौजूदगी में पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। चार बजे भोर में पहला शव निकाला गया। इसकी पहचान भी कर ली गई है। मलबे में अभी भी नौ कंप्रेशर मशीन और 15 मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई गई है।


मलबा हटाने में लगी विशेषज्ञों टीम का मानना है कि 30 फीट लंबी-चौड़ी चट्टान के नीचे ही मजदूरों के दबे होने की आशंका है। विशेषज्ञों की मानें तो उस चट्टान को हटाने पर उस पर अटकी उससे चार गुना हैवी चट्टान भी सरक कर नीचे आ सकती है। इन दोनों चट्टानों के कारण ही रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। मंडलायुक्त मिर्जापुर राजेश प्रकाश और एसपी अभिषेक वर्मा के साथ ही कई अधिकारी खदान में नीचे उतर गए हैं। उधर, शक्तिनगर क्षेत्र के एनसीएल खदानों में कार्यरत तीन ओवर बर्डन कंपनी कलिंगा, एसए यादव, केएनआई से कुल पांच ऑपरेटर को भी रेस्क्यू के लिए भेजा गया है। ओबी कंपनी प्रबंधन के मुताबिक खनन क्षेत्र घटना स्थल पर मशीन मौजूद है, लेकिन एक्सपर्ट आपरेटर न होने के कारण यहां से पांच ऑपरेटर को भेजा गया है।

खदान के खतरनाक रास्ते अवरोधक
डाला/सोनभद्र। राहत और बचाव कार्य में खदान के खतरनाक रास्ते भी बाधक बन रहे हैं। टीम को रास्तों को दुरुस्त करने में भी समय लग रहा है। खदान में आने और जाने का एक ही रास्ता होने से और भी दिक्कत आ रही है। लगभग 150 फीट से भी अधिक गहरी खदान में जाने और आने के लिए एक ही रास्ता है। रास्ता भी इतना खराब है कि नीचे बाइक, कार तक नहीं जा सकती है। नीचे लोगों को पैदल ही जाना पड़ रहा है। किसी तरह ठीक कराकर मशीनों को नीचे उतारा गया है। टीम के कर्मचारियों के लिए खाना, पानी तक ले जाने में दिक्कत आ रही है। उपर से नीचे जाने में लगभग आधा घंटा लग जा रहा है।

हैवी चट्टानों को हटाने के लिए बुलाई गई डीजीएमएस की टीम
ओबरा के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में धंसी खदान में हैवी चट्टानों को हटाने में दिक्कत आ रही है। इसके लिए खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी और अल्ट्राटेक के माइनिंग एक्सपर्ट टीम को मौके पर बुलाया गया है। टीम हैवी चट्टानों को ड्रिलिंग या ब्लास्टिंग से तोड़ने को लेकर निर्णय लेगी। चट्टानें इतनी हैवी हैं कि उन्हें मशीनों के माध्यम से निकालना कठिन हो रहा है। इस कारण शनिवार की रात आठ बजे से रविवार की दोपहर दो बजे तक मलबे के कुछ हिस्से को ही हटाया जा सका है।

उधर, रविवार की दोपहर बाद खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी और अल्ट्राटेक के माइनिंग एक्सपर्ट की टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम निरीक्षण में जुटी है। हैवी चट्टानों को ड्रिलिंग से या ब्लास्टिंग से हटाया जाए, इसको लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका था। डीजीएसएस की टीम के साथ खान अधिकारी सोनभद्र कमल कश्यप भी रविवार दोपहर हादसा स्थल पर पहुंच गए थे।

एनडीआरएफ के डीआईजी भी मौके पर पहुंचे
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुए हादसे के बाद प्रशासनिक अमले के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी देर रात मौके पर पहुंच गई थी। रविवार दोपहर एनडीआरएफ के डीआईजी एमके शर्मा भी मौके पर पहुंचे और राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली। उन्होंने खदान हादसा स्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य की प्रगति को जाना और टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

डीजीएमएस की जांच भी साबित हुई हवा हवाई
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुए हादसे ने डीजीएमएस (खान सुरक्षा महानिदेशालय) की बीच-बीच में हुई जांच को हवाहवाई साबित कर दिया है। वर्ष में कई बार डीजीएमएस की टीम खनन क्षेत्र में आकर सुरक्षा मानकों की जांच करती है। बावजूद इसके इतना बड़ा हादसा होने से सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि हादसे वाली खदान को भी पूर्व में सुरक्षा मानकों को पूरा न करने पर प्रतिबंधित किया गया था। बाद में उसे चालू भी कर दिया गया। सवाल उठता है कि जब खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी की टीम लगातार सुरक्षा मानकों की जांच करती है तो यह हादसा कैसे हो गया।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी जुटीं
अल्ट्राटेक, दुसान और फायर ब्रिगेड कर्मियों के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर डटी रही। एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया की मौजूदगी में टीम ने पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। भोर में लगभग चार बजे एक शव मलबे से निकाला गया, जिसकी पहचान 28 वर्षीय राजू सिंह पुत्र त्रिवेणी सिंह निवासी परसोई टोला अमिरिनिया ओबरा के रूप में हुई। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज दिया है।

सपा और कांग्रेस नेताओं को घटनास्थल पर जाने से रोका, सांसद भड़के
सोनभद्र, संवाददाता। ओबरा क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी में पत्थर खनन हादसे स्थल की ओर रविवार को जा रहे सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस को रोक दिया। जिसके बाद पुलिस से कार्यकर्ताओं की तीखी बहस हुई। सांसद छोटेलाल खरवार ने अधिकारियों के मिलीभगत से अवैध खनन करने का आरोप लगाया है।

सांसद छोटेलाल खरवार और सपा जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ता सुबह करीब साढ़े नौ बजे ही बग्घानाला पहुंचे जहां पुलिस ने उन्हें खदान की ओर जाने से रोक दिया। इस पर कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी बहस होने लगी। सपा जिलाध्यक्ष और सांसद ने कहा कि बिल्ली मारकुंडी में प्रशासन की लापरवाही के चलते हादसा हुआ है। सपा ने प्रशासन से मांग की कि मृतक के परिवार वालों को 50-50 लाख मुआवजा और एक-एक सरकारी नौकरी दी जाए।

खनन क्षेत्र में जाने वाले सभी मार्ग प्रतिबंधित, फोर्स तैनात
बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में हुए घटना को लेकर जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। खनन क्षेत्र में जाने वाले सभी मार्ग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। जगह-जगह पर पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं। उधर पुलिस ने घटनास्थल पर शांति व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देते हुए बग्घानाला तिराहे के पास ही बैरिकेडिंग लगाकर बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।

परिजनों ने शव दाह संस्कार से किया इनकार
ओबरा। पनारी ग्राम पंचायत के अमिरिनिया टोला के मृतक मजदूर का शव लेकर घर पहुंचे परिजनों और ग्रामीणों ने दाह संस्कार से इनकार कर दिया। परिजनों ने मुआवजे की मांग की। मुआवजा मिलने के बाद ही दाह संस्कार करने की चेतावनी दी। सूचना पर ओबरा तहसीलदार नरेन्द्र राम और जुगैल थानाध्यक्ष नागेश सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने में जुट गए हैं।

ओबरा के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार को हुए खदान हादसे में मृत 28 वर्षीय राजू सिंह पुत्र त्रिवेणी सिंह निवासी पनारी ग्राम पंचायत के टोला अमिरिनिया का शव रविवार की भोर मलबे से निकाला गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद रविवार की शाम को शव लेकर परिजन अपने घर पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया।

मृतक के पिता त्रिवेणी सिंह ने कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक वे शव का दाह संस्कार नहीं करेंगे। मामले की जानकारी मिलते ही तहसीलदार ओबरा नरेन्द्र राम और जुगैल थाना प्रभारी नागेश सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे अपनी मांगों पर अडे़ रहे। तहसीलदार और थाना प्रभारी देर शाम तक परिजनों को समझाने में जुटे रहे।

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