
इंदौर, प्रदीप मिश्रा। हर चार साल में होने वाली बाघ गणना में इस बार चीते भी गिनती में शामिल किए गए हैं। बाघ गणना के दौरान मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार के वन्यजीवों की गणना होगी। यह गणना 3 चरणों में होगी, जो इस साल नवम्बर से शुरू होकर अगले साल अप्रैल तक सारे देश में जारी रहेगी।
वन अधिकारियों के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल 27 चीते हैं, जिनमें कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 25 और गांधी सागर अभयारण्य में 2 चीते शामिल हैं। इन 27 चीतों में भारत में जन्मे शावक भी शामिल हैं। यह संख्या नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों और उनके बाद कूनो में चीतों की आबादी लगातार बढ़ रही है।
इस साल से लेकर अगले साल तक जारी रहेगी वन्यजीवों की गणना
इंदौर वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार हर जिले में वन्यजीवों की गणना में सात दिन चलेगी। तीन दिन मांसाहारी और तीन दिन शाकाहारी वन्यजीवों की गणना होगी। एक सप्ताह चलने वाली गणना में एक दिन छुट्टी रहेगी । 3 चरणों में होने वाली गणना के दौरान अलग -अलग चरण में अलग-अलग तरीके से उनकी मौजूदगी के प्रमाण जुटाए जाएंगे। एक चरण में वन्यजीवों के पगमार्क (पदचिह्न), पेड़ों पर उनके पंजों के नाखूनों की खरोंच, वन्यजीव द्वारा किए गए शिकारों के अवशेष, जिसे वन विभाग की भाषा में गारा बोलते हैं, वन्यजीवों की विष्ठा, जिसे मल या पोट्टी कहते हैं, के अलावा उनके बाल यह सारे प्रमाण संकलित किए जाएंगे। इसके अलावा दूसरे चरण में प्रत्यक्ष देखने संबंधित प्रमाण और तीसरे चरण में कैमरे लगाकर तस्वीरे संकलित कर उनके साक्ष्यों के मिलान किए जाएंगे। यह गणना के चरण अलग-अलग जिलों में पहले या बाद में किए जा सकते हैं। जैसे 15 नवंबर खंडवा जिले में हर 2 वर्ग किलोमीटर पर 2 कैमरे 100 वर्ग किलोमीटर लगाए जाएंगे।
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