रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (Chhattisgarh High Court) ने सोमवार को कहा कि किसी पति पर अपनी बालिग पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना भी हर तरह का अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 के तहत दुष्कर्म या धारा 377 के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध (Unnatural Sex) के अपराध के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
अपने फैसले में, अदालत ने कहा कि यदि पत्नी 15 वर्ष से अधिक उम्र की है, तो पति द्वारा “किसी भी संभोग” या यौन कृत्य को किसी भी परिस्थिति में दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता है और इस तरह, अप्राकृतिक कृत्य के लिए पत्नी की सहमति की अनुपस्थिति महत्व खो देती है। इसलिए अपीलकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत अपराध नहीं बनाया जा सकता।
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