
इन्दौर। रेस्क्यु ऑपरेशन के मामले में मध्यप्रदेश में नम्बर वन इंदौर वन विभाग को पहली बार रेस्क्यु ऑपरेशन के लिए नया हाइड्रोलिक सिस्टम वाला अत्याधुनिक वाहन मिलने जा रहा है। नए साल में मिलने वाले इस हॉइटेक वाहन में कैमरे लगे होंगे, जो पिंजरे में मौजूद रेस्क्यु किये गए जानवर पर वाहन चलाते समय भी नजर रख सकेंगे।
इस वाहन ने लगे हाइड्रोलिक सिस्टम के चलते रेस्क्यु किये गए जानवर को वाहन में रखने के लिए पिंजरे को उठाने औऱ वाहन से नीचे उतारने के लिए मशक्कत नहीं करना पड़ेगी। डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने बताया कि हाइड्रोलिक सिस्टम के अलावा वाहन के पिछले भाग में जहां पिंजरा रखा जायेगा वहां कैमरे लगे होंगे। वाहन में लगे हॉइटेक सिस्टम के जरिये वन कर्मचारी ड्राइविंग केबिन में लगी स्क्रीन पर वाहन में पीछे रखे पिंजरे में मौजूद रेस्क्यु किये गए जानवर की गतिविधियों या उसकी स्थिति पर नजर रख सकेंगे।
हॉइटेक वाहन के अलावा अन्य संसाधन भी मिलेंगे
रेस्क्यु ऑपरेशन के लिए हाइड्रोलिक वाहन के साथ रेस्क्यु के दौरान जरूरी दस्ताने और लॉन्ग शूज मतलब ऊंचे, जूते, हेलमेट, मास्क के अलावा जानवरों को सुरक्षित रूप से पकड़ने और संभालने के लिए डिजाइन की गई विशेष किट, खतरनाक बड़े जानवरों को इंजेक्शन से बेहोश करने के लिए शॉट गन, मजबूत पिंजरे और जाल सहित अन्य जरूरी संसाधन मिलेंगे। डीएफओ मिश्रा के मुताबिक, साल 2025 के 10 महीनों में यानी 31 अक्टूबर तक इंदौर वन विभाग ने तेंदुए सहित 152 जानवरों का रेस्क्यू किया है।
यह 152 रेस्क्यू किए
कुल 152 वन्य जीवों का रेस्क्यु ऑपरेशन किया है। पिछले 3 साल से श्रेष्ठ कार्यकाल के चलते इस साल रेस्क्यु ऑपरेशन के मामले मे इंदौर वन विभाग को मध्य प्रदेश की नंबर वन रेस्क्यु टीम का प्रथम पुरस्कार भी मिल
चुका है।
तेंदुए 22
बन्दर 10
नील गाय 95
सियार 03
कृष्णमृग 01
मोर 05
सांप 04
सुअर 01
उल्लू 04
खरगोश 06
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