
नई दिल्ली: 1972 म्यूनिख ओलंपिक (1972 Munich Olympics) में भारत का मान बढ़ाने वाले ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनुएल फ्रेडरिक (Bronze medalist Manuel Friedrich) का शुक्रवार को निधन हो गया. 31 अक्टूबर को उन्होंने आखिरी सांस ली. वह 10 महीनों से प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) से जूझ रहे थे. हालांकि अब उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. इस खबर से भारतीय हॉकी में शोक की लहर है.
मनुएल फ्रेडरिक का जन्म 20 अक्टूबर 1947 को केरल के कन्नूर जिले के बारनासीरी में हुआ था. फ्रेडरिक भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले केरल के पहले खिलाड़ी बने थे. हालांकि उनके बाद केरल में जन्में पीआर श्रीजेश ने टोक्यो 2020 और पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. भारतीय खेल में शानदार योगदान के लिए फ्रेडरिक को 2019 में युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा ‘ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित भी किया गया था.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने दुख जताते हुए कहा कि मैनुअल फ्रेडरिक भारत के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर्स में से एक थे. भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा. उनके प्रदर्शन ने कई खिलाड़ियों को प्रेरित किया जो भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखते हैं. हॉकी इंडिया की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. भारतीय हॉकी ने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी.
वहीं, हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह हॉकी जगत के लिए बहुत दुखद दिन है. मैनुअल फ्रेडरिक की मेहनत और समर्पण, खासकर केरल जैसे गैर-पारंपरिक हॉकी राज्य से होने के बावजूद, अनगिनत युवाओं के लिए प्रेरणा थे. उनकी अनुशासन और देश सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा. हम इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़े हैं.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved