
इन्दौर। करीब 7 साल पहले देपालपुर (Depalpur) में किसानों (Farmers) और आम जनता की समस्याओं को लेकर किए गए धरना-प्रदर्शन में पुलिस ने पूर्व विधायक (Former MLA) सत्यनारायण पटेल (satyanarayan patel) सहित 14 कांग्रेसी और किसानों पर प्रकरण दर्ज किया था। मामले की सुनवाई एमपीएमएलए कोर्ट में चली, जहां से अर्थदंड और कोर्ट उठने तक की सजा सुनाई गई, लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की गई, जिसमें न्यायालय ने उन्हें बाइज्जत रिहा कर दिया।
सन् 2018 में पटेल ने देपालपुर में धरना-प्रदर्शन किया, जिस पर अलग-अलग धाराओं में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर प्रकरण दर्ज किया गया था। पटेल के साथ जिला पंचायत के पूर्व सदस्य कृपाराम सोलंकी, पूर्व सरपंच वासुदेव परमार, ब्लॉक कांग्रेस गौतमपुरा अध्यक्ष मोहन चौधरी, मिथलेश जोशी, विनोद दरबार, मोहन पटेल, पूर्व पार्षद महेश पाटीदार, संतोष जाट सहित 14 को आरोपी बनाया था। चूंकि मामला पूर्व विधायक से जुड़ा था तो प्रकरण एमपीएमएलए कोर्ट में भेज दिया गया, जहां सुनवाई की गई। कोर्ट ने पटेल को एक धारा में बरी कर दिया, लेकिन दूसरी धारा में उनके सहित 14 कांग्रेसी और किसानों को 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड और कोर्ट उठने तक की सजा सुनाई। इसको लेकर पटेल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां सौरभ मिश्रा और संतोष यादव ने पैरवी की और मामले में फैसला पटेल के पक्ष में आया। मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने सभी को बरी करते हुए आर्थिक दंड की राशि भी पुन: ससम्मान लौटाने के निर्देश दिए हैं।