
नई दिल्ली: संसद (Parliament) का शीतकालनी सत्र (Winter Session) सोमवार यानी एक दिसंबर से शुरू हो रहा है. सरकार (Goverment) को घेरने के लिए विपक्ष (Opposition) ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और समाजवादी पार्टी ने मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) का विरोध का फैसला किया है. 19 दिसंबर तक चलने वाले इस छोटे से सत्र में सरकार परमाणु उर्जा, उच्च शिक्षा, कॉरपॉरेट कानून समेत 10 विधेयक पास करने की तैयारी में है. ये अहम बदलाव माने जा रहे हैं.
संसद सत्र को देखते हुए बुधवार को ही रक्षामंत्री राजनाध सिंह के आवास पर बैठक हुई. इनमें वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए. सत्र की रणनीति को लेकर इस बैठक में अंतिम रूप दिया गया. संसदीय कार्यमंत्री ने किरेन रिजिजू ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. इसमें विपक्ष से सुचारू रूप से सत्र चलाने की अपील की जाएगी.
सरकार इस सत्र में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर उसके संपूर्ण पाठ को लेकर भी चर्चा करेगी. प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि 1937 में कांग्रेस ने वंदे मातरम की कई लाइन हटा दी थीं, इसी वजह से विभाजन की नींव पड़ी. सरकार ने अपनी तरफ स्पष्ट कहा है कि सत्र के दौरान वह किसी भी विषय पर विस्तार से चर्चा को तैयार है. इसके अलावा जो एसआईआर का मुद्दा है, वो चुनाव आयोग की प्रक्रिया का हिस्सा है. इस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती. इससे पहले मॉनसून सत्र में एसआईआर के मुद्दे के वजह से संसद की कार्यवाही वाधित हुई थी.
सरकार की मानें तो एसआईआर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश आ चुके हैं. इसमें सरकार ने इसे चुनाव आयोग की आवश्यक व्यवस्था बताया है. सरकार की तरफ से स्पष्ट है कि चुनाव आयोग की किसी भी प्रक्रिया पर सदन में बहस नहीं की जाएगी. कई व्यापक मुद्दे पर सरकार चर्चा को तैयार है.
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