img-fluid

Gautam Gambhir बोले- World Cup 2011 का गुमनाम हीरो था ये खिलाड़ी, कोई बराबरी नहीं कर सकता

April 02, 2021

नई दिल्ली। 10 साल पहले आज के ही दिन 2 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट टीम ने एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में इतिहास रच दिया था। भारतीय टीम ने श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2011) पर कब्जा किया था। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीत दर्ज की थी। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए माहेला जयवर्धने के नाबाद शतक की बदौलत 274 रन बनाए थे और जवाब में भारतीय टीम ने 48.2 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।

मैन ऑफ द मैच कप्तान धोनी ने 79 गेंदों में नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी और छक्का लगाकर टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। वहीं गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 97 रनों का अहम योगदान दिया था। युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने फाइनल में नाबाद 21 रन बनाने के अलावा दो विकेट हासिल किए थे और मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे। गंभीर ने युवराज सिंह को साल 2011 वर्ल्ड कप का गुमनाम हीरो बताया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में वर्ल्ड जीत पर गौतम ने कहा, ‘कई लोगों का कहना है कि इस जीत का गुमनाम हीरो मैं था। हालांकि मेरे लिए दोनों वर्ल्ड कप में युवराज गुमनाम हीरो के भूमिका के थे। युवी के योगदान के बिना भारत 2011 का वर्ल्ड कप नहीं जीत सकता था। मेरे लिए दोनों वर्ल्ड कप में युवी सबसे बड़े खिलाड़ी थे। यदि दोनों वर्ल्ड कप में मुझे एक खिलाड़ी का नाम लेना होगा तो मैं युवराज का नाम लूंगा।

2007 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में मैंने जरूर 75 रन बनाए थे लेकिन मेरा मानना है कि युवराज ने जो किया उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।’ युवराज ने विश्व कप 2011 में 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट चटकाए थे। क्वार्टर फाइनल में युवराज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। इसके अलावा टी20 वर्ल्ड कप 2007 के सेमीफाइनल में भी युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाप 30 गेंदों में 70 रनों की पारी खेली थी और भारत को मैच जिताया था।

गौतम गंभीर ने युवराज के बारे में कहा कि 10 साल पहले को देखने पर लगता है कि ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ बनने के बावजूद युवराज ‘गुमनाम’ हीरो रहे। उन्होंने कहा, ‘विश्व कप जीत के संभवत: 14 गुमनाम हीरो थे। मुनाफ, मैं, हरभजन सिंह, विराट जिसने पहले मैच में शतक जड़ा, रैना जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में अहम पारी खेली। इन सभी खिलाड़ियों का योगदान अविश्वसनीय था। आप इनके बारे में बात नहीं करते, लोग केवल एक छक्के के बारे में बात करते हैं।’

Share:

  • ब्रेन ट्रैपर वामपंथ कितनी हकीकत - कितना फसाना

    Fri Apr 2 , 2021
    – सुरेन्द्र कुमार किशोरी वेद और बुद्ध के दर्शन में निहित साम्यवादी विचारों को उल्लेखित करने से पहले दो चीजों को समझ लेना आवश्यक है, एक साम्यवाद क्या है? दूसरा साम्यवाद के परिपेक्ष्य में मार्क्सवादी दर्शन क्या है? साम्यवाद मूल रूप से एक स्वतंत्र समाज का विचार है, जिसमें कोई विभाजन नहीं होता है। जहां […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved