
नई दिल्ली:अगर आप एक महिला हैं और नौकरी की तलाश में तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. दरअसल, RBI ने बैंकों (Banks) में महिलाओं (Woman) को ज्यादा से ज्यादा नौकरी (Job) देने को कहा है. अगर रिजर्व बैंक (RBI) की ये बात मान लेते हैं तो महिलाओं की लॉटरी लग जाएगी. अगर आप एक महिला हैं और नौकरी की तलाश में तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. दरअसल, RBI ने बैंकों में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरी देने को कहा है. अगर बैंक रिजर्व बैंक की ये बात मान लेते हैं तो महिलाओं की लॉटरी लग जाएगी.बैंक और फाइनेंशियल सेक्टर में महिला कर्मचारियों की तादाद बढ़ रही है. इसमें और इजाफा करने के लिए आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को महिलाओं को और रोजगार देने को कहा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्तीय क्षेत्र महिलाओं को अधिक रोजगार के अवसर देकर और महिला-संचालित उद्यमों के लिए खास योजनाएं लाकर महिला-पुरुष असमानता को कम करने में मदद कर सकता है. दास ने यहां इंडियन बैंक एसोसिएशन और फिक्की के एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक की सामाजिक-आर्थिक स्थिति से परे वित्तीय सेवाओं तक पहुंच हो और उसे जरूरी वित्तीय साक्षरता भी हासिल हो.
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं की श्रमबल में भागीदारी वैश्विक औसत की तुलना में काफी कम है. इस फासले को कम करने के लिए लड़कियों की शिक्षा, कौशल विकास, कार्यस्थल पर सुरक्षा और सामाजिक बाधाएं दूर करने की दिशा में प्रयास करने होंगे. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोली इकाइयों (MSMEs) का पांचवां हिस्सा महिलाओं के नियंत्रण में होने के बावजूद महिला उद्यमियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. दास ने कहा, वित्तीय क्षेत्र को महिला-पुरुष असमानता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.
मददगार नीतियां लाकर, महिलाओं के लिए खास वित्तीय उत्पाद पेश कर और वित्तीय-प्रौद्योगिकी नवाचार के सहारे वित्तीय पहुंच को आसान बनाकर ऐसा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस काम को वित्तीय संस्थानों में अधिक महिलाओं को रोजगार देकर और महिला-संचालित उद्यमों के लिए खासतौर पर तैयार वित्तीय उत्पाद लाकर पूरा किया जा सकता है. उन्होंने बैंकों को अधिक संख्या में बैंक सखियों को अपने साथ जोड़ने का सुझाव भी दिया.
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