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Gold Loan के मामलों में इजाफा, लोग अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए सोना गिरवी रखकर ले रहे कर्ज

September 29, 2025

नई दिल्ली। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Companies.- NBFC) द्वारा बांटे गए कर्ज में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों (Rural and Semi-Urban areas) में ऑटो लोन और सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वाले सबसे अधिक बढ़े हैं। आरबीआई की मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि एनबीएफसी द्वारा दिए कुल कर्ज में गोल्ड लोन (Gold Loan) की हिस्सेदारी 12.6 तक पहुंच गई है। वहीं, ऑटो लोन का हिस्सा 34.9 फीसदी है। वर्ष 2023 से 2024 के बीच एनबीएफसी द्वारा दिए गोल्ड लोन में 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो इस वर्ष में भी जारी है। खास बात यह है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने में दोहरे अंक की वृद्धि हुई। इससे पता चलता है कि लोग अपनी जरूरतों के लिए सोना गिरवी रख रहे हैं। उन्हें लगाता है कि त्वरित पैसा हासिल करने के लिए यह सबसे सही तरीका है। ऋण लेने में समय की बचत और कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता है।


वाहन कर्ज में भी तेजी बढ़ोतरी
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि वाहन कर्ज में भी बीते एक वर्ष के दौरान 20.9 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है और यह आंकड़ा 4,28,654 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,18,408 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

एजुकेशन लोन में भारी उछाल
एनबीएफसी द्वारा दिए जाने वाले एजुकेशन लोन भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वृद्धि रिकॉर्ड 58.4 प्रतिशत तक की है। एजुकेशन लोन का आंकड़ा 39,500 करोड़ से बढ़कर 62,572 करोड़ रुपये पहुंच गया है।

होम लोन जारी करने पर उठे सवाल
आंकड़ों से पता चलता है कि एनबीएफसी द्वारा तेजी से कर्ज बांटा जा रहा है, लेकिन इसके उलट देखा जाए तो कुछ एनबीएफसी को लेकर तमाम तरह की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। खासकर उनके ऋण वितरण को लेकर सवाल उठे हैं। जैसे होम लोन देने से पहले संपत्ति की पूरी जांच नहीं की गई। संपत्ति पर किसी दूसरे का कब्जा था और उस पर दूसरा ऋण जारी कर दिया गया। जबकि नियमों के तहत वह संपत्ति बेची नहीं जा सकती थी। यानी ऋण जारी करने से पहले एनबीएफसी ने संपत्ति के पूरे कागजों की जांच नहीं की।

एनबीएफसी के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें
आरबीआई की वित्तीय वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि आरबीआई लोकपाल के पास दर्ज कुल 2.96 लाख ग्राहक शिकायतों में से एक बड़ा हिस्सा एनबीएफसी के खिलाफ है। इनमें अधिकांश शिकायतें ऋण को लेकर प्राप्त हुई, जिसमें उच्च ब्याज दर के साथ ऋण जारी किए जाने और ग्राहक के निवेदन पर भी ऋण में कटौती ने किए जाने को लेकर थीं।

गोल्ड लोन में 122 प्रतिशत की बढ़ोतरी
देश में गोल्ड लोन लेने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। चालू वित्तीय में जुलाई तक सोने के बदले कर्ज लेने की दर में 122 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। यह पिछले वर्ष (जुलाई 2024) समान अवधि में 44 प्रतिशत थी। जुलाई 2024 में बैंकों और एनबीएफसी ने सोने के बदले 1,32,535 करोड़ रुपये का ऋण बांटा था, जो इस साल जुलाई तक बढ़कर 2,94,166 करोड़ रुपये हो गया है।

पारंपरिक बैंकिंग क्षेत्र से एनबीएफसी में ज्यादा वृद्धि
आरबीआई ने माना है कि वैश्विक स्तर पर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) की वृद्धि पारंपरिक बैंकिंग क्षेत्र की तुलना में अधिक है। भारत में एनबीएफसी की वृद्धि लगातार हो रही है। इस क्षेत्र की ऋण जारी करने की वृद्धि दर दोहरे अंकों में बनी हुई है, जिससे उद्योग और खुदरा क्षेत्र को आसानी से ऋण प्राप्ति हो रही है।

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