
नई दिल्ली। सोने की कीमतों (Gold Price) में जबरदस्त तेजी का दौर 2026 में भी थमता नहीं दिख रहा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कीमती धातु अब एक और मजबूत ऊपरी रैली के लिए तैयार है। ब्रोक्रेज फर्म वेंचुरा (Brokerage firm Ventura) ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की खरीदारी, बनी रहने वाली मुद्रास्फीति (Inflation), अमेरिकी घाटे में बढ़ोतरी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था व टैरिफ को लेकर चिंताओं से बना “एक कॉकटेल” सोने की कीमतों को आने वाले वर्ष में $4,600 से $4,800 के लक्षित सीमा में पहुंचा सकता है। नए साल 2026 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 75 बीपीएस की दरों में कटौती की उम्मीद से बोलीदाताओं की दिलचस्पी बनी रहेगी।
सोने ने इस साल 67 प्रतिशत का मुनाफा दिया
सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की चमक बरकरार है और इस साल घरेलू बाजार में इसने अबतक लगभग 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां और रुपये–डॉलर की दर लगभग समान बनी रहती है या रुपया कमजोर होता है, तो 2026 में सोने की कीमत पांच प्रतिशत से 16 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम और चढ़ सकती हैं। उनका यह भी कहना है कि चूंकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब हैं, इसलिए अनुशासित और सोच-विचार कर निवेश करना जरूरी है।
संस्थागत निवेशक बढ़ा रहे हैं दबाव
वेंचुरा ने जोर दिया कि सोने का तेजी का चक्र “अभी खत्म होने से बहुत दूर” है क्योंकि संस्थागत निवेशक मुद्रास्फीति से बचाव के लिए इसे तेजी से चुन रहे हैं, जिसके बाद खुदरा और सट्टेबाजी भागीदारी बढ़ रही है। फर्म का कहना है कि मांग की यह स्तरित प्रकृति सोने की लंबे समय के लिए रैली की नींव को मजबूत कर रही है।
ड्यूश बैंक और मॉर्गन स्टैनली का नजरिया
पिछले महीने ड्यूश बैंक ने निवेशकों के स्थिर फंड फ्लो और केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीदारी का हवाला देते हुए अपना 2026 के सोने की कीमत का पूर्वानुमान पहले के $4,000 से बढ़ाकर $4,450 प्रति औंस कर दिया। बैंक अब अगले साल सोने के $3,950 से $4,950 की सीमा में कारोबार करने की उम्मीद करता है।
मॉर्गन स्टैनली ने एक पहली रिपोर्ट में भविष्यवाणी की थी कि एक धुंधली वैश्विक आर्थिक आउटलुक के बीच ईटीएफ की सॉलिड फिजिकल डिमांड और केंद्रीय बैंकों की चल रही खरीदारी से सपेार्ट पाकर सोना मध्य-2026 तक $4,500 प्रति औंस तक बढ़ सकता है।
निवेश पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी
एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि लगातार मुद्रास्फीति, वास्तविक ब्याज दरों के कम होने की उम्मीदों और फिएट मुद्राओं में विश्वास कमजोर होने के बीच सोने की निवेश अपील में काफी मजबूती आई है। ब्रोकरेज ने प्रमुख पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में भू-राजनीतिक संघर्ष, बाजार की अस्थिरता और खराब हो रही वित्तीय स्थितियों के खिलाफ बचाव के लिए सोने की क्षमता पर जोर दिया है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज निवेशकों को सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं में अपने पोर्टफोलियो का 5-10% आवंटित करने की सलाह देता है, जोखिम के आधार पर इसमें धीरे-धीरे वृद्धि की गुंजाइश के साथ।
नौ लगातार तिमाहियों में रिकॉर्ड हाई
वेंचुरा के अनुसार, गोल्ड ने लगातार नौ तिमाहियों (2025 की चौथी तिमाही सहित) में नए हाई लेवल दर्ज किए हैं। यह उछाल फिएट मुद्रा मूल्य में एक व्यवस्थित गिरावट का संकेत देता है, एक प्रवृत्ति जो इस तथ्य से और मजबूत होती है कि सोना अब वैश्विक केंद्रीय बैंकों के बीच दूसरी सबसे महत्वपूर्ण रिजर्व संपत्ति बन गया है।
भारत में स्थिति और तकनीकी पहलू
भारत में संरचनात्मक कारकों के कारण तेजी और भी तीव्र प्रतीत होती है। घरेलू सोने की कीमतें दुबई की तुलना में लगभग 15% अधिक हैं, यह अंतर आयात शुल्क और लगातार कमजोर रुपए से प्रेरित है।
वेंचुरा ने यह भी जोर दिया कि वैश्विक अनिश्चितताएं ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं, जो निरंतर मांग का समर्थन करती हैं। 9 अक्टूबर, 2025 को $4,398 के अपने शिखर के बाद, सोने में $3,891 तक 11% की गिरावट देखी गई, फिर दिसंबर 2025 में $4,299 की ओर मजबूती से वापसी हुई। तकनीकी रूप से, वेंचुरा ने भविष्यवाणी की है कि मजबूत समर्थन $4,200 और $4,056 पर और प्रतिरोध स्तर $4,255–$4,300 के पास होने की उम्मीद है, और अगर ये स्तर टूटते हैं तो आगे $4,381–$4,441 तक की बढ़त हो सकती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved