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गोरखनाथ मंदिर के हमलावर मुर्तजा को मिली फांसी, आरोपी की फेसबुक पर 6 आईडी और विदेशियों से थी दोस्ती

लखनऊ (Lucknow) । गोरखपुर (Gorakhpur) के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में हमला (Attack) करने वाले अहमद मुर्तजा को एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने फांसी की सजा (Sentence to death) सुनाई है. मुर्तजा की खुद को बीमार और विक्षिप्त बताने की दलील भी कोर्ट में काम नहीं आई. जांच में सामने आया कि मुर्तजा ने फेसबुक (Facebook) पर 6 आईडी चलाकर विदेश में रहने वाले लोगों से दोस्ती कर रखी थी.

अदालत के फैसले के बाद उसके वकील रजा उर रहमान की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मुर्तजा की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इस संबंध में मेडिकल रिपोर्ट्स भी पेश की गई थीं. मुर्तजा की मां की ओर से मेडिकल चेकअप कराए जाने की भी अर्जी डाली गई थी. उन्होंने कहा कि तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स को दरकिनार किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई. हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट इस मामले में न्याय देगा.

सजा का ऐलान होने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, लगातार 60 दिन के रिकॉर्ड तक सुनवाई के बाद आज सजा का ऐलान हुआ है. इसमें धारा 121 IPC के तहत फांसी की सजा और 307 जो पुलिस पर हमला हुआ था उसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. ADG ने कहा, सभी सबूतों को अदालत के सामने अच्छे से पेश किया गया, अदालत ने सबूतों को सही माना है. ये दिखाता है कि पुलिस की जांच सही थी. देश के खिलाफ जो साजिश थी उसको यूपी पुलिस ने बेनकाब किया है.


सुरक्षाकर्मियों पर किया था धारदार हथियार से हमला
मामले के 10 महीने बाद लखनऊ की अदालत में फैसला सुनाया गया. बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने बड़े धारदार हथियार से हमला किया था और उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी.

इंजीनियरिंग में मास्टर्स तक पढ़ाई
गौरतलब है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग में M.Tech करने वाले मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर पर सुरक्षा कर रहे दो सिपाहियों पर हमला किया था. उसने सिपाहियों के राइफल छीनने की कोशिश की थी. एटीएस की जांच में खुलासा हुआ था कि राइफल छीनने के बाद मुर्तजा अंधाधुंध फायरिंग की प्लानिंग में था. यूपी एटीएस ने अपनी जांच में 27 गवाह पेश किए थे.

इन धाराओं के चलते मजबूत हुआ केस
बता दें कि 4 अप्रैल को गोरखनाथ थाने में सब इंस्पेक्टर की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. 5 अप्रैल को यूपी एटीएस ने इस मामले की जांच शुरू की थी. जांच के दौरान यूपी एटीएस ने UAPA का केस दर्ज किया. यूपी एटीएस की चार्जशीट में आईपीसी की धारा 186, 153A 307, 332, 333, 353,394, 7 cla के साथ यूएपीए की धारा 16, 18, 20 40 बढ़ाई. यूपी एटीएस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में देश के खिलाफ जंग छेड़ने की धारा 121, 122 बढ़ाई थी. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट की बड़ी धाराओं के तहत ही मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई.

अप्रैल 2022 में हुआ था हमला
जांच में सामने आया कि गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के पास सिपाहियों पर हमले के मामले का हमलावर नेपाल भी गया था. उससे पुलिस को कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले. दरअसल, गोरखनाथ पीठ में अहमद मुर्तजा अब्बास नाम के शख्स ने हथियार लहराया था इससे हड़कंप मच गया. उसने पुलिसवालों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया. मंदिर के पास मौजूद लोगों को धारदार हथियार से डराने की कोशिश की थी.

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