
पटना (Patna) । बिहार (Bihar) में सरकारी स्कूलों (Government school) की छुट्टियों (holidays) में की गई कटौती पर जारी सियासत के बीच नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी के एमएलसी नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा कि स्कूलों की छुट्टियां खत्म नहीं की गई हैं। बल्कि व्यावहारिक करने के लिए उसमें संशोधन किया गया है। न ही धार्मिक आधार पर छुट्टियों को बांटा गया है। अगर इसमें भी कोई कमी होगी और सरकार के संज्ञान में कोई बात आती है, उसे जरूर देखा जाएगा।
नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालयों में साल में 200 दिन और मध्य विद्यालयों में 220 दिनों तक की पढ़ाई आवश्यक है। इसलिए स्कूलों में छुट्टियों को कम किया गया है। छुट्टियां खत्म नहीं की गई हैं, न ही धर्म के आधार पर बांटा गया है। आपको बता दें बीजेपी ने नीतीश सरकार के इस आदेश को तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पीएम बबने के चक्कर में नीतीश कुमार तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पार कर गए हैं। सरकार को ये आदेश तुरंत वापस लेना चाहिए।
आपको बता दें। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक के स्कूलों में छुट्टियों की नई तिथि जारी की गई है। दुर्गापूजा में स्कूलों में छह दिनों की छुट्टी थी, जिसे अब रविवार जोड़कर तीन दिनों का किया गया है। पहले दिवाली से छठ में 13 नंवबर से 21 नवंबर तक छुट्टी थी। अब दिवाली पर 12 नवंबर, चित्रगुप्त पूजा पर 15 नवंबर तथा छठ पूजा पर 19 और 20 नवंबर को छुट्टी रहेगी। नए कैलेंडर के मुताबिक अभी से दिसंबर तक विभिन्न पर्व-त्योहारों पर स्कूलों में 23 छुट्टियां थी, जिसे घटाकर 11 कर दिया गया है। इस सूची में रक्षा बंधन पर छुट्टी को शामिल ही नहीं किया गया है। विभाग का कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून 2009 में पहली से 5वीं तक कम-से-कम 200 दिन तथा छठी से आठवीं तक कम-से-कम 220 दिनों के कार्यदिवस का प्रावधान है।
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