
चंडीगढ़ । कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा (Congress MP Kumari Sailja) ने मांग की है कि सरकार (Government) तकनीक को जनहित का माध्यम बनाए (Should make Technology a medium for Public Welfare) बाधा नहीं (Not Hindrance) । हर योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक सीधे पहुंचे, और डिजिटल व्यवस्था को सरल, सुलभ व पारदर्शी बनाया जाए।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आज जबकि हर सरकारी योजना को डिजिटल इंडिया और पोर्टलों से जोड़ने की बातें बड़े मंचों पर खूब गूंजती हैं, वास्तविकता यह है कि आम नागरिक के लिए वही पोर्टल अकसर दीवार बन जाते हैं। सरकार नए-नए शब्दों और चमकदार आंकड़ों की नुमाइश तो करती है, पर यह नहीं बताती कि अंतिम व्यक्ति तक व्यवस्था पहुंचे कैसे। मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी पोर्टल तभी सफल माने जाएंगे जब किसान, बुजुर्ग, मजदूर, छात्र और महिलाओं को बिना चक्कर काटे, बिना दलालों के चंगुल में फंसे, उनकी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों। केवल तकनीक का बखान करने से शासन संवेदनशील नहीं बन जाता।
बैठकों और रिपोर्टों में विकास की ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है जैसे प्रदेश में ‘स्वर्णकाल’ चल रहा हो, जबकि हकीकत इससे बिलकुल उलट है। सांसद ने कहा कि प्रदेश का किसान तो पोर्टल के खेल में पिसकर रह गया है, अगर फसल का ब्यौरा भी पोर्टल पर डाल दिया जाए तो उसका भी कोई लाभ नहीं मिलता, प्राकृतिक आपदा में खराब हुई फसल के मुआवजे के लिए चक्कर काटने पड़ते है। पोर्टल से सबसे ज्यादा परेशान ग्रामीणों को होती। इंटरनेट सही न होने से पोर्टल बंद ही रहता है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आज महंगाई चरम पर है, किसान लगातार कर्ज और लागत के दबाव में है। खराब फसल का मुआवजा न मिलने पर वह आर्थिक रूप से टूट जाता है और अधिक तनाव के चलते आत्महत्या तक जैसा कदम उठा लेता है। महंगाई में गरीब परिवारों की रसोई चलाना मुश्किल हो रहा है, दो वक्त की रोटी के लिए गरीब भटकता रहता है। प्रदेश का नौजवान रोजगार के लिए दर-दर भटक रहा है। सरकार नई भर्ती करने के बजाए एचकेआरएन के तहत कर्मचारी रखकर उनका मानसिक और आर्थिक शोषण कर रही है, नौकरी से हटाए जाने की तलवार हर समय लटकी रहती है।
कुमारी सैलजा ने स्पष्ट कहा कि सरकार जनता की आँखों में धूल झोंकने के बजाय यह बताए कि प्रदेश में रोजगार के वास्तविक अवसर कहां हैं? किसानों की आय दोगुनी तो दूर, उनकी लागत भी पूरी नहीं निकल पा रही। गरीबों को राहत देने के लिए कौन-सी ठोस योजना जमीनी स्तर पर लागू की गई? कुमारी सैलजा ने मांग की कि सरकार तकनीक को जनहित का माध्यम बनाए, बाधा नहीं। हर योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक सीधे पहुंचे, और डिजिटल व्यवस्था को सरल, सुलभ व पारदर्शी बनाया जाए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved