
नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र में (In the winter session of Parliament) सरकार 13 बिल पेश करेगी (Government will introduce 13 Bills) ।
संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है, जिसमें 18वीं लोकसभा का छठा और राज्यसभा का 269वां सत्र शामिल है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 15 बैठकें होंगी। सत्र में विधायी और वित्तीय कार्यों पर फोकस रहेगा। सरकार सुधारों को बढ़ावा देने के लिए 13 बिल पेश करेगी, जिनमें परमाणु ऊर्जा, वित्तीय बाजार, शिक्षा और कर सुधार जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सत्र की शुरुआत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा सभापति सी.पी. राधाकृष्णन सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के फ्लोर लीडर्स ने राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक बुलाई है। सदन में विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बहस की मांग कर सकता है, जिससे सत्र में हंगामा हो सकता है।
संसदीय कार्य मंत्रालय के बुलेटिन के मुताबिक विधायी कार्यों में 13 बिल शामिल हैं – जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल, 2025: यह बिल 17 केंद्रीय कानूनों में छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक बनाने और दंडों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास करेगा। पहले अपराध पर चेतावनी देने का प्रावधान है, जो 10 मंत्रालयों के 76 अपराधों को प्रभावित करेगा। इससे कारोबार करने की आसानी बढ़ेगी।
– एटॉमिक एनर्जी बिल, 2025: परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने का महत्वपूर्ण बिल। यह 1962 के परमाणु ऊर्जा अधिनियम को अपडेट करेगा, जिसमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर जोर होगा। पीएम मोदी ने हाल ही में इसकी घोषणा की, जो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
– कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) बिल, 2025: कंपनीज एक्ट 2013 और एलएलपी एक्ट 2008 में संशोधन, जो कारोबार की आसानी बढ़ाएगा।
– सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल (एसएमसी), 2025: सेबी एक्ट 1992, डिपॉजिटरीज एक्ट 1996 और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 को एकीकृत करेगा। इससे अनुपालन लागत कम होगी और विदेशी निवेश बढ़ेगा।
– इंश्योरेंस कानून (संशोधन) बिल, 2025: बीमा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए संशोधन।
– आर्बिट्रेशन एंड कंसिलिएशन (संशोधन) बिल, 2025: विवाद निपटान को तेज करने के लिए।
– हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल, 2025: विश्वविद्यालयों को स्वायत्त बनाने और मान्यता प्रणाली को पारदर्शी करने का बिल, जो यूजीसी की जगह लेगा।
-. सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) बिल, 2025: उत्पाद शुल्क प्रक्रिया में सुधार।
– हेल्थ सिक्योरिटी टू नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025: स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए नया सेस लगाने का प्रावधान।
– इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल, 2025: दिवालिया प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए संशोधन, जो कॉर्पोरेट रिकवरी को सुगम बनाएगा।
– मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल, 2025: राज्य स्तर पर जीएसटी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए, जो एक अध्यादेश की जगह लेगा।
– रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल, 2025: पुराने कानूनों को निरस्त करने और संशोधित करने का सामान्य बिल।
– नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल, 2025: भूमि अधिग्रहण को तेज करने के लिए, जिससे राजमार्ग परियोजनाएं तेजी से पूरी होंगी।
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