
- आरएसएस के किसान संघ की आज उज्जैन में रैली
- प्रधानमंत्री के आगमन के अगले दिन इंदौर में भी किसान निकालेंगे रैली
इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Union) द्वारा आज मंगलवार को उज्जैन (Ujjain ) में किसानों (farmers) की मांगों के समर्थन में और सरकार की नीतियों के विरोध में रैली निकाली जाएगी। इस रैली में भाग लेने के लिए इंदौर से भी किसानों का समूह रवाना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंदौर आगमन के अगले दिन इंदौर में भी किसानों द्वारा विरोध रैली निकाली जाएगी।
भारतीय किसान संघ द्वारा प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकार की नीतियों के विरोध में और अपनी मांगों के समर्थन में पिछले दिनों किसान रैली का आयोजन किया गया। भोपाल के साथ ही कुछ अन्य जिलों में भी रैली का आयोजन हुआ। अब आज मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की गई है। इस रैली को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने बहुत तैयारी की है। उज्जैन के सिंहस्थ क्षेत्र में आ रहे 18 गांव के किसान इस रैली में शामिल होंगे। इसके साथ ही आसपास के जिले से भी किसानों को इस रैली में बुलाया गया है।
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी ने बताया कि इस रैली में भाग लेने के लिए इंदौर जिले के किसान भी आज सुबह रवाना होना शुरू हो गए हैं। इंदौर जिले में आउटर रिंग रोड में आ रही किसानों की जमीन के साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं के लिए किसानों की जमीन के अधिग्रहण के मामले को लेकर किसानों में आक्रोश है। यही कारण है कि आज उज्जैन में आयोजित रैली में भी भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान इंदौर से रवाना हो रहे हैं। भारतीय किसान संघ द्वारा इस तरह की किसान रैली का आयोजन प्रदेश के हर जिले में करने की तैयारी कर ली गई है। किसान संघ के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंदौर आगमन के दिन यानी की 17 सितंबर के अगले दिन 18 सितंबर को इंदौर में भी किसानों की रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली का आयोजन के लिए उक्त संगठन द्वारा किसानों को गांव-गांव तक संदेश देने का अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय किसान संघ की कोशिश है कि जिस तरह से भोपाल में बड़ी संख्या में किसानों के जमा होने के साथ रैली सफल हुई है, वैसी ही स्थिति हमें इंदौर में भी बनाना है, ताकि इंदौर से राज्य सरकार के पास किसानों की मांगों को लेकर गंभीरता के साथ संदेश जा सकें।