img-fluid

GST Council : केंद्र ने राज्यों को जारी किए 1.65 लाख करोड़ रुपए

August 27, 2020

नई दिल्‍ली । जीएसटी काउंसिल की दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 41वीं बैठक आज की गई. बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी कम्‍पनसेशन सेस को लेकर राज्यों के साथ चर्चा हुई. केंद्र ने राज्यों को 1.65 लाख करोड़ रुपए साल 2019-20 के लिए GST क्षतिपूर्ति के लिए जारी किए.

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि कोविड-19 के चलते जीएसटी कलेक्शन पर भारी असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि 2020-21 में 65000 करोड़ रुपये जीएसटी सेस कलेक्शन का अनुमान है, जबकि 3 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कम्‍पनसेशन सेस का भुगतान किया जाना है. करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कम्‍पनसेशन सेस की कमी आई है.मार्च में 13,806 करोड़ रुपये जारी किए गए जबकि सेस 95,444 करोड़ रुपये कलेक्ट किए गए.

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जुलाई 2017 से जून 2022 तक जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करना है। सेस फंड से क्षतिपूर्ति का अंतर पूरा किया जायेगा.जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी करने के मामले में अटॉर्नी जनरल से कानूनी सलाह ली गयी. अटॉर्नी जनरल ने सलाह देते हुए कहा कि जीएसटी कम्‍पनसेशन सेस के भुगतान की अवधि 2017 से 2022 तक के लिए थी जिसको कि बढ़ाया जा सकता है.

अटॉर्नी जनरल ने साफ कहा है कि क्षतिपूर्ति अंतर की भरपाई भारत सरकार के संचित कोष से नहीं की जा सकती. जीएसटी काउंसिल के सामने एक विकल्प पेश किया गया कि आरबीआई के साथ कंसल्ट कर स्पेशल विंडो उपलब्ध कराई जाए, जिसके तहत 97 हज़ार करोड़ रुपये एक तर्कसंगत दर पर लिया जाय. पहला सरकार आरबीआई से इसपर चर्चा करेगी और आरबीआई राज्यों को कम ब्याज पर ये रकम उपलब्ध कराए. दूसरे विकल्प के तहत सरकार 2.35 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बाजार से उठाए। राज्यों से 7 दिन में इस पर चर्चा करने के लिए कहा गया है. बताया गया कि जीएसटी परिषद की फिर से बैठक हो सकती है.

आज की इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. GST बैठक में केंद्र कि ओर से दिए गए प्रस्ताव से‌ कई राज्य सहमत नहीं हैं.केंद्र की ओर से मुआवजे की भरपाई को लेकर जो दो विकल्प दिए गए हैं उसमें पहला विकल्प राज्यों को रिजर्व बैंक से 97000 करोड़ का स्पेशल कर्ज मिलेगा, जिस पर ब्याज दर काफी कम लगेगा.

दूसरे विकल्प में पूरा 2.35 लाख करोड़ का गैप राज्यों द्वारा रिजर्व बैंक की मदद से वहन किया जाएगा. इसके लिए राज्यों ने सात दिन का समय मांगा है। सरकार द्वारा राज्यों को दिए गए इन दो विकल्पों से दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, राजस्थान समेत अन्य राज्य प्राथमिक रूप से‌ सहमत नहीं हैं. राज्यों को सात दिन में जवाब देना है.

Share:

  • इंदौर में कुल संक्रमित मरीज़ो की संख्या 12229 हुई, आज 198 और बढ़े

    Fri Aug 28 , 2020
    इंदौर। आज की सीएमएचओ की रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में 198 नए पॉजिटिव मामले सामने आए है।आज कुल 2783 सैंपल जांच के लिए भेजे गाए थे, जिनमें से 2551 नेगेटिव है, साथ ही इंदौर में पॉजिटिव मरीज़ो की कुल संख्या 12229 हो गई है। वही आज दिनांक तक कुल 379 संक्रमित मरीज़ो की मृत्युु हो […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved