
वाहनों की कीमत कम होने से आम लोगों को फायदा, लेकिन टैक्स कम मिलने से परिवहन विभाग को घाटा
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
केंद्र सरकार (Central government) ने हाल ही में जीएसटी (GST) में बड़े बदलाव किए हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (Automobile Industry) से जुड़े आम ग्राहकों को मिलने जा रहा है। वाहनों की कीमत में 10 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की कमी आएगी। आम लोगों को मिलने जा रही यह सौगात परिवहन विभाग के लिए घाटे का सौदा साबित होगी। जीएसटी में छूट के बाद वाहनों की कीमत कम होने से इंदौर परिवहन कार्यालय को ही हर साल 100 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का अनुमान है।
मध्यप्रदेश में 4 से 12′ टैक्स
मध्य प्रदेश में वाहनों की एक्स शोरूम कीमत पर अलग-अलग कैटेगरी में चार से 12′ तक टैक्स लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर 20 लाख से ज्यादा कीमत की लग्जरी कर पर 9′ तक टैक्स लगता है। नई व्यवस्था में अगर ऐसी कर की कीमत में एक लाख रुपए तक की भी कमी आती है तो परिवहन विभाग को 9 हजार रुपए का टैक्स कम मिलेगा। इंदौर में हर साल 1.80 लाख से ज्यादा वहां बिकते हैं। एक वहां पर औसत 5 से 6 हजार रुपए के टैक्स का भी अगर नुकसान होता है तो इंदौर आरटीओ को हर साल 90 से 108 करोड रुपए का नुकसान होना तय है।
पहले की टैक्स और सेस व्यवस्था
1. छोटी कारें (पेट्रोल, 1200सीसी तक, लंबाई 4 मीटर तक) – 28′ जीएसटी + 1′ सेस = 29′ टैक्स।
2. डीजल छोटी कारें (1500 सीसी तक, लंबाई 4 मीटर तक) – 28′ जीएसटी + 3′ सेस = 31′ टैक्स।
3. मंझली कारें (सेडान/हैचबैक, 4 मीटर से ज्यादा) – 28′ जीएसटी + 15′ सेस = 43′ टैक्स।
4. एसयूवी और बड़ी लक्जऱी गाडिय़ां (1500सीसी से ज्यादा इंजन, 4 मीटर से लंबी गाडिय़ां) – 28′ जीएसटी + 15 से 22′ सेस = 43 से 50′ टैक्स
5. अन्य प्रीमियम और लक्जऱी गाडिय़ां (जैसे उच्च श्रेणी की सेडान) – 28′ जीएसटी + 20 से 22′ सेस = 48 से 50′ टैक्स।
अब लागू होने जा रही नई व्यवस्था
ठ्ठ छोटी और मंझोली कारों पर 28′ के बजाए केवल 18′ जीएसटी लगेगा, सेस पूरी तरह समाप्त।
ठ्ठ एसयूवी और लक्जऱी गाडिय़ों पर अलग-अलग कैटेगरी की बजाय अब एक समान 40′ जीएसटी लगेगा। यहां भी सेस पूरी तरह समाप्त होने से 3 से 10′ तक का लाभ मिलेगा।
(जानकारी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक)
मध्यप्रदेश में लिया जाने वाला रोड टैक्स
1. दो पहिया वाहन – कीमत 50 हजार तक – 4′ टैक्स
50 हजार – 1 लाख रुपए तक – 6′ टैक्स
1 लाख रुपए से ऊपर – 8′ टैक्स
2. चार पहिया वाहन (प्राइवेट कारें) – कीमत 10 लाख रुपए तक – 7′ टैक्स
10 लाख से 20 लाख रुपए – 8′ टैक्स
20 लाख रुपए से ऊपर (लक्जऱी वाहन) – 9′ टैक्स
3. कमर्शियल वाहन – लाइट कमर्शियल (एलएमवी) 6′-8′ टैक्स, मिड और हेवी कमर्शियल व्हीकल (एचसीवी) 10′-12′ टैक्स
(परिवहन विभाग के मुताबिक)
परिवहन विभाग को मिलेगा कम राजस्व, आम लोगों को फायदा
शासन द्वारा वाहनों पर लगने वाले जीएसटी और सेस में किए गए बदलाव के बाद वाहनों की कीमत में 10 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की गिरावट की उम्मीद है। इससे परिवहन विभाग को वाहनों की कीमत पर मिलने वाले टैक्स में भी निश्चित रूप से कमी आएगी। अनुमान है इंदौर कार्यालय को ही हर साल करीब 100 करोड रुपए का घाटा होगा। यह स्थिति परिवहन विभाग में पूरे देश में देखने को मिलेगी।
– प्रदीप शर्मा, आरटीओ, इंदौर
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