
चंडीगढ़ । केंद्र द्वारा संसद में लाए गए कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफा को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह ‘और कुछ नहीं बल्कि एक नौटंकी’ है। हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने घोषणा की थी कि वह कृषि संबंधी तीन विधेयकों के विरोध में इस्तीफा देंगी। इन कृषि संबंधी विधेयकों का कई किसान संगठनों ने इस आशंका से विरोध किया है इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किया गया सुरक्षा कवच कमजोर होगा।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि यदि शिरोमणि अकाली दल ने पहले एक रुख अपनाया होता और कृषि अध्यादेशों के खिलाफ उनकी सरकार का समर्थन किया होता तो हो सकता है कि केंद्र संसद में ‘किसान विरोधी’ विधेयक आगे बढ़ाने से पहले 10 बाद सोचता। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘क्या सुखबीर और हरसिमरत और उनकी मंडली को वह नुकसान नहीं दिखा जो ये विधेयक पंजाब की कृषि और अर्थव्यवस्था को पहुंचाएंगे?’ उन्होंने कहा, ‘या वे सत्ता के लालच में इतने अंधे हो गए थे कि उन्होंने जानबूझकर अध्यादेशों से उत्पन्न होने वाले खतरे को लेकर अपनी आंखें बंद कर लीं?’
सिंह ने कहा कि इस्तीफे की घोषणा अकाली दल की एक और ‘नौटंकी’ है जिसने केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी विधेयक लाये जाने के बावजूद अभी तक सत्तारूढ़ गठबंधन को नहीं छोड़ा है। अमरिंदर सिंह ने केंद्र में भाजपा नीत राजग गठबंधन में बने रहने के शिरोमणि अकाली दल के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरसिमरत कौर का इस्तीफा और कुछ नहीं बल्कि पंजाब के किसानों को ‘मूर्ख’ बनाने की एक और ‘नौटंकी’ है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री श्री सिंह ने यह भी कहा कि हालांकि वे किसान संगठनों को ‘गुमराह’ करने में सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा बहुत देर से आया है और इससे पंजाब और उसके किसानों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिरोमणि अकाली दल की एकमात्र मंत्री के इस्तीफे का फैसला किसानों की चिंता से नहीं बल्कि बादल परिवार के राजनीतिक करियर को बचाने की चिंता से प्रेरित है।
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