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स्वस्थ युवाओं को Corona Vaccine के लिए करना पड़ेगा 2022 तक इंतजार: WHO

October 16, 2020

नई दिल्ली. एक ओर जहां पूरी दुनिया इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के आने की उम्मीद लगाए है, स्वस्थ लोगों को वैक्सीन के लिए 2022 तक इंतजार करना पड़ सकता है. सबसे पहले वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स को और ऐसे लोगों को दी जाएगी जिन्हें इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बारे में जानकारी दी है कि वैक्सीन के लिए किसे प्राथमिकता दी जाएगी. ऑनलाइन आयोजित एक सवाल-जवाब कार्यक्रम में WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन (Soumya Swaminathan) ने कहा है कि साल 2021 के आखिर तक एक असरदार वैक्सीन जरूर आ जाएगी लेकिन इसकी मात्रा सीमित होगी.

तो करना पड़ेगा लंबा  इंतजार
स्वामिनाथन ने प्राथमिकता के बारे में बताया, ‘ज्यादातर लोग इस बात से सहमत होंगे कि सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स से शुरुआत की जाएगी लेकिन वहां भी देखा जाएगा कि किसे कितना खतरा है. उनके बाद बुजुर्गों को और फिर इस तरह से और आगे.’ उन्होंने कहा कि काफी सारे निर्देश आएंगे लेकिन उन्हें लगता है कि औसत इंसान, युवा स्वस्थ इंसान को 2022 तक इंतजार करना पड़ सकता है.

प्राथमिकता किसे?
स्वामिनाथन ने कहा कि किसी ने इतनी मात्रा में ये वैक्सीन नहीं बनाई हैं जितनी की जरूरत पड़ने वाली है. इसलिए 2021 में वैक्सीन तो होगी लेकिन सीमित मात्रा में. इसलिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया गया है जिससे यह तय हो सके कि देश इस बात का फैसला कैसे करेंगे कि पहले किसे वैक्सीन देनी है. लोगों को लगता है कि पहली जनवरी या पहली अप्रैल से हमें वैक्सीन मिल जाएगी और उसके बाद सबकुछ सामान्य हो जाएगा। ऐसा नहीं होने वाला है.

इस साल मुश्किल ऑक्सफर्ड की वैक्सीन
इससे पहले ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन टास्क फोर्स की चीफ केट बिंघम ने कहा था कि ऑक्सफर्ड-AstraZeneca की वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है लेकिन इसकी ज्यादा संभावना है कि वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में आएगी. इससे पहले इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि साल के अंत तक इस वैक्सीन को इमर्जेंसी की हालत में इस्तेमाल करने की इजाजत मिल सकेगी. ब्रिटेन की वैक्सीन को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा था लेकिन बीच में इसके ट्रायल रोकने पड़े थे.

आसान नहीं वैक्सीन की राह
एक वॉलंटिअर के बीमार पड़ने के बाद दुनियाभर में करीब 30 हजार लोगों पर किए जा रहे ऑक्सफर्ड की वैक्सीन के ट्रायल रोक दिए गए थे. हालांकि, बाद में यह वापस शुरू हो गए. इसके बाद जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन के ट्रायल भी रोक दिए गए थे. कंपनी का दावा है कि वैक्सीन के ट्रायल अगर सफल पाए गए तो इस वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक ही वायरस के खिलाफ सुरक्षा दे सकेगी. कंपनी का प्लान 60 हजार लोगों पर ट्रायल करने का है जो अगर दोबारा शुरू होता है, तो अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल होगा. वहीं, ऐंटीबॉडी दवा बना रही कंपनी Eli Lilly के ट्रायल भी रोक दिए गए थे. हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया था कि किस वजह से ट्रायल रोके गए.

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