
इंदौर। चर्चित हनी ट्रैप सेक्स स्कैंडल बीते 5 सालों से मध्यप्रदेश के राजनीतिक और वल्लभ भवन के गलियारों से लेकर मीडिया में गूंजता रहा है। अग्रिबाण ने भी इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण समाचारों का प्रकाशन किया है। अभी पिछले दिनों ही इस पूरे मामले की शासन ने जांच जिस एसआईटी को सौंपी है उसके नए मुखिया अब आदर्श कटियार बनाए गए हैं, जिन्हें अब इंदौर कोर्ट में 29 जनवरी यानी सोमवार को होने वाली सुनवाई में यह जवाब देना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास हनी ट्रैप सेक्स स्कैंडल की पेन ड्राइव कैसे पहुंची? दरअसल 2 साल पहले कमलनाथ द्वारा दिए गए बयान के आधार पर सीडी अथवा पेनड्राइव एसआईटी को देने का पत्र भिजवाया था।
इंदौर नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर हरभजन सिंह ने 17 सितम्बर 2019 को थाना पलासिया में एक लिखित शिकायत देकर हनी ट्रैप और उन्हें ब्लैकमेल कर 3 करोड़ रुपए की राशि मांगे जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने भोपाल और इंदौर की 5 महिलाओं को गिरफ्तार किया, जो लम्बे समय तक जेल में रही और फिर जमानत पर छूटी। इनमें मोनिका यादव, आरती दयाल, बरखा सोनी और श्वेता विजय जैन तथा श्वेता स्वप्रिल जैन शामिल रही। मीडिया में भी यह हनी ट्रैप खूब सुर्खियों में रहा, तो प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में भी इसको लेकर जमकर हल्ला मचा।
कई नेताओं-मंत्रियों के अलावा आईएएस, आईपीएस अफसरों व कई अन्य रसूखदारों के नाम इससे जुडऩा बताए गए और गिरफ्तार हुई महिलाओं पर भी आरोप लगे कि उन्होंने इनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी धन राशि वसूल की। दरअसल तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में ही यह सेक्स स्कैंडल उजागर हुआ था और फिर जब इसकी जांच एसआईटी को सौंपी गई तो उसके बाद एक पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने यह कह दिया कि उनके पास हनी ट्रैप की पूरी सीडी और पेन ड्राइव है, जिस पर आरोपियों की ओर से उनके अभिभाषक ने आपत्ति लगाकर यह पूछा कि उक्त सीडी और पेन ड्राइव कमलनाथ के पास कैसे पहुंची। इतना ही नहीं तत्कालीन विवेचना सहायक निरीक्षक शशिकांत चौरसिया थाना प्रभारी थाना किशन की ओर से एक पत्र भी कमलनाथ को भेजा गया। हालांकि बाद में कमलनाथ ने यह बयान भी दिया कि उन्होंने सिर्फ 29 सेकंड की क्लिप देखी थी। बहरहाल अब देखना यह है कि सोमवार को एसआईटी इस मामले में कोर्ट में क्या बयान देती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved