
इंदौर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल की पहली कृति ‘परिक्रमा कृपा सारÓ के विमोचन अवसर पर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि कहा कि नर्मदा परिक्रमा भारतीय श्रद्धा का महान प्रतीक है। हमारा देश तर्क और शास्त्रार्थ में कभी पीछे नहीं रहा, लेकिन जीवन चलाने के लिए श्रद्धा और विश्वास की आवश्यकता होती है। वैज्ञानिक बुद्धि हर जगह प्रमाण नहीं दे सकती। भारत की श्रद्धा काल्पनिक नहीं है, बल्कि प्रत्यक्ष अनुभवों पर आधारित है। भगवान हमारे भीतर ही हैं, लेकिन श्रद्धा और विश्वास के बिना उनके दर्शन संभव नहीं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जनरल मोटर्स जैसी कंपनी पहले केवल विश्वास के आधार पर शुरू हुई और आज लाखों लोगों को रोजगार दे रही है।
यही विश्वास की ताकत है। उन्होंने जीवन को नाटक की तरह बताया, जिसमें हर किसी को अपनी भूमिका निभानी होती है और अंतत: हमारी पहचान आत्मा से होती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य और संत-महामंडलेश्वर उपस्थित रहे। लेखक और मंत्री प्रहलाद पटेल ने अपने संबोधन में नर्मदा परिक्रमा से जुड़े अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले पुस्तक छपवाने से मना कर दिया था। मैं नर्मदा को बेचना नहीं चाहता था। नर्मदा हमारी माता है, हमारी विरासत है। नदियां केवल जलधारा नहीं, बल्कि जीवन की धारा हैं। मेरी परिक्रमा यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि संस्कृति, पर्यावरण और समाज से जुड़ा गहरा अनुभव रही है। इस पुस्तक की एक-एक पाई गौसेवा और परिक्रमावासियों के कल्याण में लगेगी। यह कृति श्रद्धा और सेवा का संदेश लेकर आगे बढ़ेगी।
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