
नई दिल्ली । भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) के देश में इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने कोवैक्सीन को लेकर सवाल उठाए। कांग्रेस (Congress) नेताओं शशि थरूर (Shashi Tharoor )और जयराम रमेश (Jairam Rames) ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मिली मंजूरी पर सवाल खड़े किए। कोवैक्सीन को लेकर दिनोंदिन बढ़ते विवाद को देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) अब सामने आया है। आईसीएमआर (ICMR) ने बताया कि किस आधार पर कोवैक्सीन के इमर्जेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है।
ICMR के प्रमुख बलराम भार्गव (ICMR chief Balram Bhargava) ने कहा कि महामारी के हालात में कोविड टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल पर विचार टीके की सुरक्षा और ‘इम्युनोजेनिसिटी’ आंकड़ों के आधार पर किया गया। उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन के थर्ड फेज का क्लीनिकल ट्रायल इस समय चल रहा है।
ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके और स्वदेश विकसित कोवैक्सीन को मंजूरी देने में अपनाई गई प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए भार्गव ने कहा, “सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने इन टीकों को त्वरित मंजूरी देने के लिए मौजूदा महामारी के हालात, अधिक मृत्युदर, उपलब्ध विज्ञान और निर्धारित उपचार पद्धतियों के अभाव पर विचार किया और यह हमारे कानूनी प्रावधान में है।”
बतादें कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने रविवार को कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। कुछ विपक्षी दलों के नेताओं और विशेषज्ञों ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़े नहीं होने पर चिंता प्रकट की है। उनका कहना है कि प्रक्रिया को छोड़ने और समय पूर्व मंजूरी देने से लोगों को खतरा हो सकता है।
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