
नई दिल्ली: अमेरिका (America) द्वारा रूस (Russia) से तेल खरीदने पर चीन पर लगाए जा रहे दबाव के बीच, चीन ने अपने तेल आयात को पूरी तरह वैध और कानूनी बताया और चेतावनी दी कि अगर बीजिंग के हितों को नुकसान पहुंचाया गया तो वह कड़े जवाबी कदम उठाएगा. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया को बताया कि अमेरिका की यह नीति एकतरफा धमकाना और आर्थिक दबाव है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों को कमजोर करती है और वैश्विक उद्योग एवं आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डालती है.
लिन ने कहा कि चीन का रूस समेत दुनिया के देशों के साथ सामान्य व्यापार और ऊर्जा सहयोग पूरी तरह वैध और कानूनी है. उन्होंने अमेरिकी दावे का जवाब देते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को रूस से तेल न खरीदने का आश्वासन दिया या नहीं, यह अलग मुद्दा है, लेकिन चीन अपने स्वाभाविक व्यापारिक अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को वॉशिंगटन में कहा था कि अमेरिका भारत के रूस से क्रूड ऑयल खरीदने से खुश नहीं है. उनका तर्क था कि ऐसे आयात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के युद्ध को वित्तीय मदद पहुंचाते हैं.
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