
इंदौर। आईआईटी इंदौर ने ₹100 करोड़ के SAKSHAM परियोजना के अंतर्गत अपने महत्वपूर्ण उपलब्धियों का प्रदर्शन अनूसंधान नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन (ANRF), भारत सरकार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिवकुमार कल्याणारामन के साथ हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में किया। ANRF–PAIR पहल के तहत समर्थित यह परियोजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप देशभर के उभरते शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों को सशक्त बनाने और विकसित करने का लक्ष्य रखती है।
हब संस्थान के रूप में, आईआईटी इंदौर छह स्पोक संस्थानों—बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (झांसी), देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (इंदौर), आईआईआईटी भोपाल, एनआईटी कुरुक्षेत्र, आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय, और विक्रम विश्वविद्यालय (उज्जैन)—के साथ मेंटरिंग और सहयोग कर रहा है। समीक्षा बैठक में सभी सहभागी संस्थानों के वरिष्ठ नेतृत्व, जिनमें कुलपति, डीन और प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर शामिल थे, उपस्थित रहे।
SAKSHAM परियोजना तीन राष्ट्रीय महत्ता वाले विषयगत क्षेत्रों पर आगे बढ़ रही है:
(a) पर्यावरणीय सततता
(b) एडवांस्ड मटेरियल्स
(c) स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकियाँ
समीक्षा बैठक के दौरान हब और स्पोक संस्थानों में अनुसंधान क्षमता सुदृढ़ करने, उन्नत अवसंरचना स्थापित करने और सहयोगात्मक नवाचार को बढ़ावा देने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया गया। एक प्रमुख उपलब्धि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में स्थापित Sophisticated Instrumentation Centre (SIC) का हाल ही में हुआ उद्घाटन था — जो SAKSHAM पहल के सहयोग से क्षेत्रीय अनुसंधान और विश्लेषण क्षमताओं में एक बड़ी वृद्धि है।
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा,
“SAKSHAM परियोजना भारत की अनुसंधान प्रणाली को संरचित मेंटरशिप और सार्थक सहयोग के माध्यम से मजबूत करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आज प्रदर्शित प्रगति — जिसमें SIC जैसी उन्नत सुविधाओं की स्थापना भी शामिल है — समन्वित क्षमता-वृद्धि के रूपांतरकारी प्रभाव को दर्शाती है।” उन्होंने आगे कहा, “हब संस्थान के रूप में, आईआईटी इंदौर अनुसंधान अवसरों के विस्तार, संस्थागत विकास को सक्षम बनाने और NEP 2020 की राष्ट्रीय दृष्टि का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम ANRF और अपने साझेदार संस्थानों के साथ इस प्रभावशाली यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।”
डॉ. शिवकुमार कल्याणारामन ने कहा,“आईआईटी इंदौर के इस सुंदर परिसर में SAKSHAM–PAIR परियोजना से जुड़े सभी सदस्यों से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। छह स्पोक संस्थानों को मेंटर करने में इस हब द्वारा अपनाई गई उत्कृष्ट पद्धतियाँ अन्य राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी।” ANRF के अधिकारियों ने हब-एंड-स्पोक मॉडल की मजबूती की सराहना की और कहा कि यह भारत के तेज़ी से विकसित हो रहे अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में अंतर्विषयी सहयोग, नवाचार और समावेशिता को बढ़ावा देने में अत्यंत प्रभावी है।
आईआईटी इंदौर के अनुसंधान एवं विकास डीन, प्रो. अभिरूप दत्ता ने कहा,
“SAKSHAM ने हमें एक ऐसा जुड़ा हुआ अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में सक्षम किया है, जहाँ ज्ञान, अवसंरचना और अवसर संस्थानों के बीच सहज रूप से प्रवाहित होते हैं। हमारे साझेदार विश्वविद्यालयों की सामूहिक प्रगति यह सिद्ध करती है कि रणनीतिक सहयोग, अलग-थलग प्रयासों की तुलना में वैज्ञानिक क्षमता को कहीं अधिक प्रभावी रूप से गति दे सकता है।”
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