बड़ी खबर

जम्मू-कश्मीर को लेकर आई अहम रिपोर्ट, ये हैं हालत, आप भी जानें

श्रीनगर। पूर्व केन्द्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा (Former Union Finance Minister Yashwant Sinha) के नेतृत्व वाले ‘कंसर्न्ड सिटिजनस ग्रुप’ (Concerned Citizens Group) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कश्मीर (Jammu and Kashm) में हालात सामान्य हो गए हैं, लेकिन लोग अभी भी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त special status of Jammu and Kashmir करने के केन्द्र के 2019 के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। समूह 30 मार्च से दो अप्रैल तक कश्मीर ( Kashmir) की यात्रा पर था। केन्द्र सरकार द्वारा संविधान का अनुच्छेद 370 (Article 370) समाप्त किए जाने के बाद यह समूह का केन्द्र शासित प्रदेश का तीसरा और जुलाई 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हुई हिंसा के बाद आठवां दौरा था।

समूह ने एक बयान में कहा, कंसर्न्ड सिटिजनस ग्रुप (सीसीजी) ने सिविल सोसायटी समूहों के सभी तबकों के प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों/व्यावसायियों, नेताओं, जिला विकास परिषद के नव-निर्वाचित सदस्यों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधियों, शिया नेताओं और नेताओं, खासतौर से पांच अगस्त, 2019 के बाद जेल भेजे गए और फिर रिहा किए गए नेताओं से भेंट की।


रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह के पिछले दौरे के मुकाबले कश्मीर में स्थिति अब ‘ज्यादा सामान्य’ लग रही है।बयान के अनुसार, कश्मीर शांतिपूर्ण लग रहा है। लोग अपने रोजमर्रा के काम पर जा रहे हैं। हमारे पिछले दौरे के मुकाबले जीवन अब ज्यादा सामान्य लग रहा है। समूह ने हालांकि दावा किया कि केन्द्र शासित प्रदेश के लोग अभी भी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने का फैसला स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

जम्मू कश्मीर में पिछले 24 घंटे में Corona से किसी की मौत नहीं रिपोर्ट में कहा गया है, जब हालात के सामान्य होने के बारे में पूछा जाता है तो लोग कहते हैं, दो साल के लॉकडाउन के बाद भी जीवन तो चलना ही है। उनका दावा है कि उन्हें जिंदगी चलाने के लिए काम करना ही है और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना है। लेकिन साथ ही वे यह कहना नहीं भूलते हैं कि इससे यह नहीं माना जाना चाहिए कि हमने पांच अगस्त, 2019 के फैसले को अपना लिया है।

रिपोर्ट में सीसीजी ने यह भी कहा है कि सरकारी नीतियों और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बोलने या उसकी आलोचना करने के लिए सोशल मीडिया, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, में कहीं कोई जगह नहीं है। उसमें कहा गया है, पत्रकारिता का तो एक तरह से अपराधीकरण कर दिया गया है। सिविल सोसायटी के प्रदर्शनों को अनुमति नहीं है। राजनीतिक दलों को रैलियां करने की अनुमति है। पुलिस पत्रकारों और आम लोगों को तलब करने से नहीं हिचकिचाती है और जन सुरक्षा कानून के तहत उन्हें हिरासत में भेजने से कोई गुरेज नहीं करती।

Share:

Next Post

ये घरेलू उपाय अपनाकर बनाएं अपने को खूबसूरत

Sat Apr 17 , 2021
हर किसी की इच्छा होती है कि उसकी स्किन फ्लॉलेस और बेदाग दिखे। इसके लिए हरकोई काफी मेहनत करता हैं। महंगे से महंगे प्रोडक्ट From expensive to expensive product का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन प्रोडक्ट्स (products) में अधिक मात्रा में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आप कुछ दिनों की तो खूबसूरती पा […]