काठमांडू (Kathmandu.)। नेपाल (Nepal) के दौरे पर आए भारत (India) के चार पूर्व सेना प्रमुखों ने अपने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) की स्मृति में मुक्तिनाथ धाम (Muktinath Dham) में रविवार को घंटी चढ़ाई। मुक्तिनाथ के दर्शन के बाद घंटियां चढ़ाने की परंपरा है।
मुक्तिनाथ धाम नेपाल के उत्तरी जिले मुस्तांग में स्थित है। यह इलाका चीन से लगी सीमा के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मुक्तिनाथ धाम को हिंदुओं और बौद्धों दोनों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है।
भारत के पूर्व सेना प्रमुख जनरल विश्वनाथ शर्मा, जनरल जोगिंदर जसवंत सिंह, जनरल दीपक कपूर और जनरल दलवीर सिंह सुहाग के साथ नेपाल के पूर्व सेना प्रमुख जनरल पीएस राणा, जनरल पी. जंग थापा और पीसी थापा भी मुक्तिनाथ गए थे।
जनरल बिपिन रावत का दिसंबर 2021 में हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। इससे मुक्तिनाथ जाने की उनकी इच्छा अधूरी रह गई थी। सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद जनरल रावत देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बने थे।
इसी तरह, नेपाली सेना द्वारा आयोजित आर्मी कॉन्क्लेव में भारत और नेपाल के पूर्व जनरलों ने भाग लिया। सेना के प्रवक्ता भंडारी के अनुसार भारत के पूर्व सेना प्रमुखों को नेपाली सेना के पूर्व मानद महारथी के रूप में आर्मी कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। नेपाली सेना और भारतीय सेना के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध है। यह परंपरा रही है कि दोनों देशों के सेना प्रमुख एक-दूसरे के देश के मानद महारथी होते हैं। एजेंसी/हिस
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