
नई दिल्ली. विदेश मंत्री (Foreign Minister) डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) ने गुरुवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) के तालिबान (Taliban) शासित शासन के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी (Amir Khan Muttaqi) से पहली बार आधिकारिक बातचीत की. इस बातचीत में भारत-अफगान पारंपरिक मित्रता, विकास सहयोग और हालिया पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से उठे.
यह वार्ता ऐसे समय पर हुई है जब तालिबान सरकार ने पहलगाम हमले की सार्वजनिक तौर पर निंदा की थी. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 7 मई को हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसमें पाक समर्थित आतंकी शामिल थे.
बातचीत के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा-“कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी से अच्छी बातचीत हुई. पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने करने के लिए उनका आभार. अफगान जनता के साथ हमारी पारंपरिक मित्रता और विकास की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराया. आगे सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की.”
यह पहली बार है जब भारत और तालिबान के बीच राजनीतिक स्तर पर आधिकारिक संवाद हुआ है, जबकि भारत ने अब तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है. इससे पहले जनवरी 2025 में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में मुत्ताकी से मुलाकात की थी.
इससे पहले ऐसा संपर्क वर्ष 1999-2000 में देखा गया था, जब भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान तालिबान के तत्कालीन विदेश मंत्री वक़ील अहमद मुत्तवाकिल से बातचीत की थी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता भारत की रणनीतिक कूटनीति का हिस्सा है, जिसमें वह तालिबान से सीधे संवाद बनाकर अफगान जनता के साथ संपर्क और क्षेत्रीय स्थिरता को साधने की कोशिश कर रहा है. भारत का यह कदम न केवल अफगान जनता के प्रति उसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्र में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों में उसकी सक्रिय भूमिका को भी रेखांकित करता है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved