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​भारत से रक्षा सौदों की डील फाइनल करने आएगी इजरायल की टीम

नई दिल्ली । इजरायल रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय टीम जल्द ही स्पेशल फ्लाइट से भारत का दौरा करने आएगी। इस टीम का यह दौरा भारत के साथ रक्षा सौदों की डील फाइनल करने और रक्षा उपकरणों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए होगा। पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन से तनाव के चलते भारत ने इजरायल से स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, हेरॉन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन और स्पाइस-2000 बम खरीदने का फैसला लिया है। इन्हीं सौदों के बारे में डील फाइनल होनी है। इसके अलावा कोरोना महामारी से निपटने के लिए नई उभरती इजराइली तकनीक भी भारत को दी जाएगी।

भारत पहले से भी इजरायल के साथ रक्षा सौदे करता रहा है। ​भारत आने वाली ​​​​इजरायल रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम​ से ​ स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, हेरॉन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन और स्पाइस-2000 बम खरीदने के बारे में डील फाइनल होनी है। ​इसी साल मार्च में भारत ने चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तैनात अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के लिए 16 हजार 479 इजरायली लाइट मशीन गन (एलएमजी) खरीदने के लिए 880 करोड़ रुपये का सौदा किया था। अब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव कम होता दिख नहीं दिखा है, इसलिए भारतीय सेना हथियारों के लिहाज से अपनी ताकत में इजाफा करने में जुटी है। इस बीच केंद्र सरकार से 800 करोड़ का इमरजेंसी फंड मिलने के बाद सेना ने हथियार खरीदने के लिए अमेरिका और इजराइल की कंपनियों को कई ऑर्डर दिए हैं।

​बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद सरकार की तरफ से मिले आपातकालीन वित्तीय अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सेना ने पिछले साल ​​इजरायल​ से ​12 लांचर और 200 स्पाइक मिसाइलें खरीदी थी। दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए सेना और अधिक संख्या में ये मिसाइलें खरीदना चाहती है।​​ ​भारतीय सेना अब इजरायल से और ​​स्पाइक​ ​एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के साथ हेरॉन ड्रोन खरीदने का भी ऑर्डर दे रही है। लद्दाख सेक्टर में सर्विलांस के लिए पहले से ही इजरायली हेरॉन अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब भारतीय सेना इजरायल के हेरॉन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन को अपने बेड़े में शामिल करने की दिशा में काम रही है। हेरॉन ड्रोन 10 किमी की ऊंचाई से दुश्मन पर नजर रख सकता है। यह एक बार में दो दिन तक उड़ सकता है और 10 किलोमीटर की ऊंचाई से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रख सकता है।

इजरायल के स्पाइस-2000 बम वायुसेना के पास उस समय से हैं जब पिछले साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट शहर में आतंकियों के लांचिंग पैड पर मिराज-2000 से हमले किये गए थे। एयर स्ट्राइक के दौरान आतंकियों के लांचिंग पैड तबाह करने में इन्हीं इजरायली स्पाइस-2000 बम का इस्तेमाल किया गया था। बालाकोट एयरस्ट्राइक में जिस वर्जन का इस्तेमाल किया गया था, वह मजबूत शेल्टर्स और बिल्डिंग में घुसकर तबाही मचाने में सक्षम हैं लेकिन अब भारतीय वायुसेना ने इसका एडवांस वर्जन इजरायल से खरीदने का फैसला लिया है, क्योंकि जरूरत पड़ने पर इनका चीन के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने की तैयारी है।​ इन स्पाइस-2000 बम की खासियत यह है कि यह क्षण भर में दुश्मनों की इमारतों और बंकरों को धूल मिला देते हैं। यह स्पाइस-2000 बम 70 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को मार सकता है। वायु सेना के पास ​जब ​बंकर और इमारत नष्ट करने वा​ले स्पाइस-2000 ​बम ​का एडवांस वर्जन होगा, जिसमें मार्क 84 वॉरहेड होंगे, जिससे लक्ष्य की गई इमारतों को नष्ट किया जा सकेगा।

​इजरायली दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि आने वाले हफ्तों में ​इजरायल के विदेश, रक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालयों के नेतृत्व में भारत-इजरायल एंटी कोरोना ऑपरेशन चलाया जाएगा। इजरायली रक्षा मंत्रालय का उच्च श्रेणी का अनुसंधान एवं विकास दल स्पेशल फ्लाइट से नई दिल्ली पहुंचेगा।​ टीम को ला रही स्पेशल फ्लाइट में कोरोना महामारी से निपटने के लिए नई उभरती इजराइली तकनीक भी भारत को दी जाएगी, जो इजरायली विदेश मंत्रालय और वहां के प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों की तरफ से भारत को भेंट होगी। इजरायल की सरकार ने भारत को इसका निर्यात करने की विशेष अनुमति प्रदान कर दी है।

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