विदेश

चीन सीमा पर भारत ने तैनात किया M777 होवित्‍जर, चिनकूक हेलीकॉप्‍टर

नई दिल्‍ली (New Delhi)। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) सामरिक रूप से काफी महत्‍वपूर्ण है. अरुणाचल से ही चीन की सीमा (border of china) भी लगती है. चीन की ओर से वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अक्‍सर ही उकसावे वाली कार्रवाई की जाती रही है. भारतीय जवान चीन को उसके दुस्‍साहस का माकूल जवाब देते रहे हें. भारतीय सेना (Indian Army) ने अरुणाचल प्रदेश में अपनी तैयारियों को बढ़ाना शुरू कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश में चिनकूक हेलीकॉप्‍टर के साथ ही M777 अल्‍ट्रा लाइट होवित्‍जर को भी तैनात कर दिया है. भारत अरुणाचल प्रदेश में लगातार इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास कर रहा है. खासकर आवागमन के साधनों को दुरुस्‍त किया जा रहा है. हाल में ही दो सुरंग का भी निर्माण किया गया, जिससे घंटों की दूरी मिनटों में तय करना संभव हो सकेगा.



भारत LAC के पास अपनी युद्धक क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है. CH-47F(I) हेवी-लिफ्ट चिनकूक हेलीकॉप्‍टर अरुणाचल प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों के साथ ही वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर क्षमता बढ़ाने के लिहाज से गेम चेंजर साबित हो रहा है. चिनकूक हेलिकॉप्‍टर अत्‍यधिक भारत लेकर उड़ान भरने में सक्षम है. चिनकूक की मदद से M777 को भी कुछ ही घंटों में अरुणाचल प्रदेश पहुंचाया जा सकता है. भारत पड़ोसी देश चीन पर लगाम लगाने के लिए सीमावर्ती इलाकों में लगातार सुविधाओं का विस्‍तार कर रहा है. फिर चाहे वह सड़क का निर्माण हो या फिर एयर फैसिलिटी, सबका विस्‍तार किया जा रहा है.

चिनकूक हेलीकॉप्‍टर के अनुसार हेलीपैड
अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से लगातार हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है. इन हेलीपैड को चिनकूक हैवीवेट हेलीकॉप्‍टर के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. ‘द हिन्‍दू’ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के एक अधिकारी ने बताया कि अरुणाचल की सभी 7 घाटियों में चिनकूक के अनुकूल हेलीपैड का निर्माण किया गया है, ताकि एयर कनेक्टिविटी दुरुस्‍त रहे. इन हेलीपैड को चिनकूक स्‍पेसिफिक हेलीपैड का नाम दिया गया है. वर्ष 2020 से साल 2023 तक 9 हेलीपैड का निर्माण किया जा चुका है, जबकि 6 और का निर्माण कार्य चल रहा है. इनमें से 5 हेलीपैड चिनकूक के हिसाब से हैं.

सेला पास में 2 टनल
बीआरओ के जवानों ने अरुणाचल के सेला पास (सेला दर्रा) में दो सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक कर लिया है. एक सुरंग 900 तो दूसरा 1600 मीटर लंबा है. इन दोनों सुरंग के बनने के बाद अब भारतीय सेना के साथ ही आमलोग भी पहले के मुकाबले तकरीबन 3 घंटे कम समय में गंतव्‍य तक पहुंच सकेंगे. इन दोनों सुरंगों के बनने से भारतीय सेना की तवांग तक पहुंच बेहद आसान हो जाएगी. तवांग में चीनी सैनिकों द्वारा अक्‍सर ही सीमा का अतिक्रमण कर भारत में घुस आते हैं. भारतीय जवान उन्‍हें माकूल जवाब देकर वापस खदेड़ देते हैं.

Share:

Next Post

सपा के बाद राजा भैया को मनाने पहुंचे भाजपा नेता, यूपी की 10वीं राज्‍यसभा सीट की होड़ में उलझे सभी दल

Thu Feb 22 , 2024
नई दिल्‍ली (New Dehli)। लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections in Uttar Pradesh)को लेकर सियासी पारा (political mercury)चढ़ा हुआ है. यूपी में राज्यसभा की 10 सीटें खाली (10 seats vacant)हुई हैं. इनमें से 7 सीटों पर बीजेपी की जीत पक्की (BJP’s victory is certain)मानी जा रही है, जबकि सपा […]