
तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) । आने वाले समय में भारत (India) को कैंसर (cancer) जैसी घातक बीमारियों की सुनामी झेलनी पड़ सकती है। वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती उम्र की आबादी और बदलती जीवनशैली (changing lifestyle) इसका कारण बनेगी। अमेरिका (America) के ओहियो स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के हेमेटोलॉजी एंड मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जामे अब्राहम (Dr. Jame Abraham) ने एक रिपोर्ट में यह दावा किया है।
अब्राहम ने कहा कि इसकी रोकथाम और उपचार के लिए कैंसर के टीके, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा डिजिटल तकनीक का विस्तार और तरल बायोप्सी को नया रूप देना होगा। डॉ. अब्राहम ने लिखा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीहेल्थ रोगियों और विशेषज्ञों के बीच की खाई को कम करेंगे। यह संभावित रूप से हमारे देश के दूरदराज के हिस्सों में विशेषज्ञों की देखभाल की उपलब्धता को बढ़ाएगा। विशेष रूप से इसकी व्यवस्था गांवों में उपलब्ध कराई जाएगी। डॉ. अब्राहम ने कहा कि भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती लाखों लोगों के लिए महंगे इलाज को किफायती बनाना होगी।
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