
नई दिल्ली: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने साफ कहा कि भारत (India) डेड इकॉनमी (Dead Economy) नहीं बल्कि एक जीवंत इकॉनमी है. उन्होंने कहा कि देश की इकॉनमी ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 फीसदी की रफ्तार से जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) दर्ज की है. इसने भारत को डेड इकॉनमी बताने वालों को करारा जवाब दिया है. देश में 22 सितंबर से लागू हो रहे जीएसटी सुधारों के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया कि ये सुधार समय पर क्यों हैं, सरकार इनसे कैसे निपट रही है.
निर्मला सीतारमण ने टैरिफ संबंधी चुनौतियों और जीडीपी वृद्धि को बनाए रखने के रोडमैप पर चर्चा की. इस चर्चा से भारत की आर्थिक दिशा के बारे में नया नजरिया सामने आया है. गौरतलब है कि त्योहारों के मौसम के साथ ही वित्त मंत्री ने जीएसटी 2.0 को लागू करने का ऐलान किया है. जो 2017 में इस सिस्टम की शुरुआत के बाद से सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है. इस बदलाव का मकसद नागरिकों के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाना और व्यवसायों के लिए विस्तार के अधिक अवसर पैदा करना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद आजादी के बाद एकमात्र संवैधानिक संस्था है, जिसने राजस्व और देश को एकजुट करने के मामले में बहुत कुछ किया है. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों से पहले ही, सुधारों के अगले चरण पर काफी काम किया गया है. इनमें वित्त, स्थायित्व, निजी क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलना शामिल है, जबकि आईटी जैसे कुछ क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं कि सरकार का पूंजीगत व्यय कम नहीं होगा, यह बजट की अनुमानित समय-सीमा के अनुसार पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही राजकोषीय घाटा भी कम होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें भी सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रही हैं, पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में अगला ठोस कदम उठाना होगा. वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण कहा कि जीएसटी 2.0 किसानों और मध्यम वर्ग के बोझ को कम करने पर केंद्रित है.
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