विदेश

भारतीय सेना ने किया चीनी सैनिक को लौटाने का वादा, PLA को नहीं भरोसा


पेइचिंग। पूर्वी लद्दाख के चुमार-डेमचोक इलाके में पकड़े गए चीनी सैनिक को भारत के वापसी के ऐलान के बाद भी चीनी सेना को विश्‍वास होता नहीं दिख रहा है। चीनी सेना ने कहा है कि हमें आशा है कि भारतीय पक्ष अपने वादे पर कायम रहेगा और जल्‍द से जल्‍द लापता चीनी सैनिक को वापस कर देगी। चीनी सेना ने दावा किया कि उनका एक सैनिक चरवाहे की याक ढूंढने में मदद करते हुए रात को खो गया था।

चीनी सेना के प्रवक्‍ता सीनियर कर्नल झांग शुइली ने कहा कि एलएसी पर पीएलए के सैनिकों ने इस घटना के तत्‍काल बाद भारतीय सेना को बता द‍िया था और आशा जताई थी कि भारतीय पक्ष जवान को तलाश करने और समय से उसे लौटाने में मदद करेगा। शुइली ने कहा, ‘हमें आशा है भारतीय पक्ष अपने वादे पर कायम रहेगा और लापता चीनी सैनिक को जल्‍द से जल्‍द वापस कर देगा और सातवें दौर की बातचीत के बाद बनी सहमति का लागू करेगा ताकि सीमाई इलाके में शांति और व्‍यवस्‍था बनी रहे।’

बता दें कि चीनी सैनिक कॉर्पोरल वॉन्ग या लॉन्ग को चुमार-डेमचोक इलाके में पकड़ा गया था। भारतीय सेना ने बयान जारी कर बताया है कि चीनी सैनिक मिल गया है और उसे मेडिकल सहायता, खाना, ऑक्सिजन और गर्म कपड़े भी मुहैया कराए गए हैं। सेना का कहना है कि उन्हें औपचारिकताएं पूरी करने के बाद PLA को सौंप दिया जाएगा। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वॉन्ग के पास नागरिक और सैन्य दस्तावेज पाए गए थे। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना चीनी सैनिक से पूछताछ भी कर रही है।

उधर, इस घटना से चीन के खिलाफ एक बार फिर सीमा पर जासूस भेजने के सवाल खड़े होने लगे हैं। वहीं, दूसरी ओर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या याक के जरिए चीन भारतीय क्षेत्र की जासूसी कर रहा है? मीडिया रिपोर्ट्स में यह संदेह जताया जा रहा है कि चीन जासूसी उपकरण लगाकर याक को भारतीय इलाके में भेजता है। इससे पहले भारतीय पक्ष ने पिछले दिनों मानवीयता का परिचय देते हुए 13 चीनी याक को वापस चीनी सीमा में भेज दिया। ये सभी अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग में 31 अगस्त को भटक गए थे। इन्हें करीब 7 भारतीय सेना की निगरानी में रखा गया था।

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