
नई दिल्ली। भारत (India) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के बीच हुई टेस्ट सीरीज (Test Series) में टीम इंडिया को 0-2 से करारी हार झेलनी पड़ी। इस शर्मनाक परफॉर्मेंस के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने भारतीय बल्लेबाजों को लेकर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को खराब तरीके से प्रशिक्षित एनआरआई कहा और दावा किया कि घरेलू पिचों पर उनका प्रदर्शन बताता है कि वह घर की परिस्थितियों में खेलने के लिए तैयार ही नहीं हैं।
मांजरेकर का कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों के चयन के बाद वे घरेलू मैदानों पर अभ्यास या प्रथम श्रेणी क्रिकेट बहुत कम खेलते हैं। अधिकांश समय वह विदेशों में क्रिकेट खेलते हैं, जिससे घरेलू स्पिन ट्रैक पर खेलने का अनुभव कमजोर हो जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाजों ने पिछले दो वर्षों में भारत के बाहर 9 से 12 टेस्ट मैच खेले, लेकिन भारत में उतने अवसर नहीं मिले।
भारत ने सीरीज के दौरान चार पारियों में एक बार भी 250 रन का आंकड़ा पार नहीं किया। केवल एक बल्लेबाज ही अर्धशतक बना पाए। मांजरेकर के अनुसार इसका कारण है- तैयारी की कमी। उन्होंने कहा, ‘जब भारतीय बल्लेबाज घरेलू फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में अच्छा खेलते हैं और फिर भारतीय टीम में आते हैं, उसके बाद वह घरेलू मैच लगभग छोड़ देते हैं। इसीलिए जब वे भारतीय पिचों पर लौटते हैं, तो अजनबी जैसे नजर आते हैं।’
मांजरेकर ने बल्लेबाजी तकनीक पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि विदेशी पिचों पर तेज गेंदबाजों के सामने आक्रामक खेल कभी-कभी फायदा देता है, लेकिन स्पिन वाली धीमी पिचों पर स्टैंड एंड डिलीवर स्टाइल काम नहीं आता। उनके मुताबिक, ‘टर्निंग ट्रैक पर सिर्फ स्किल, यानी फुटवर्क, डिफेंस और रोटेशन ऑफ स्ट्राइक ही बल्लेबाज को सफल बना सकता है।’
मांजरेकर ने यह भी कहा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें भारत को बार-बार आमंत्रित करती हैं क्योंकि भारतीय टीम विदेशी दौरों से बड़ा राजस्व पैदा करती है। इस मजबूरी के चलते भारतीय खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलने से वंचित रह जाते हैं। भारत अब अगले आठ महीने तक टेस्ट मैच नहीं खेलेगा। अगला रेड-बॉल मुकाबला अगस्त 2026 में श्रीलंका के खिलाफ निर्धारित है।
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