नई दिल्ली। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त उछाल आया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते सप्ताह 15.267 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 653.966 अरब डॉलर हो गया है। यह बीते तीन साल में एक सप्ताह में हुई सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।
विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग चार महीने तक गिरावट रही और हाल ही में यह 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिसमें कुछ सप्ताह बढ़त और कुछ सप्ताह गिरावट देखी गई। इससे पहले बीते साल सितंबर में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने अभी तक के सबसे उच्च स्तर 704.89 अरब डॉलर के आंकड़े को छुआ था, लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट रही और फिलहाल यह अपने उस उच्चतम स्तर से सात प्रतिशत नीचे है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप को माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य रुपये में तेज गिरावट को रोकना है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रुपया अब अमेरिकी डॉलर की तुलना में सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया है। आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि भारत की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए), जो विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है, 557.282 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सोने का भंडार 74.325 अरब अमेरिकी डॉलर है।
अनुमान के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 10-11 महीने के अनुमानित आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। 2023 में, भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 अरब डॉलर जोड़े, जबकि 2022 में इसमें 71 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। 2024 में, भंडार में 20 अरब डॉलर से थोड़ा ज़्यादा की वृद्धि हुई।
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