
सराफा एसोसिएशन ने खोला मोर्चा, पुलिस से कहा- सभी के दस्तावेजों की हो जांच
इन्दौर। सराफा बाजार (Sarafa Bazar) में कुल 20000 बंगाली कारीगर (Bengali Artisans) काम करते हैं। इन कारीगरों में से कम से कम 2000 बांग्लादेशी कारीगर हैं। इन बांग्लादेशी कारीगरों (Bangladeshi artisans) के खिलाफ सराफा बाजार व्यापारी एसोसिएशन ने मोर्चा खोल लिया है। संगठन द्वारा पुलिस (Police) से भी कहा गया है कि इन सभी के दस्तावेजों की जांच होना चाहिए।
पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद भारत सरकार द्वारा अवैध रूप से भारत में रहने वाले पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को वापस उनके देश भेजने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही वीजा के आधार पर भारत में आकर यहीं पर बस जाने वाले इन देशों के नागरिकों को भी वापस भेजने की घोषणा की गई है। सराफा बाजार एक ऐसा बाजार है, जहां पर बड़ी संख्या में बंगाली कारीगर काम करते हैं। ऐसे में सराफा बाजार व्यापारी एसोसिएशन भी मैदान में आ गया है। इस समय सराफा बाजार में बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के लिए व्यापारियों की ओर से अभियान शुरू हो गया है। संगठन के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने बताया कि बाजार में कुल 20000 बंगाली कारीगर काम करते हैं। हमें आशंका है कि इनमें से कम से कम 2000 कारीगर बांग्लादेश के होंगे।
उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा पुलिस थाना सराफा से भी संपर्क किया गया है। हमारे द्वारा पुलिस से यह आग्रह किया गया है कि इन सभी कारीगरों की जांच होना चाहिए और उनके दस्तावेजों का परीक्षण होना चाहिए। इनमें से बहुत से कारीगरों द्वारा फर्जी दस्तावेज भी बना लिए गए हैं। इसका भी परीक्षण किया जाना चाहिए। जो बांग्लादेशी कारीगर सराफा बाजार में काम कर रहे हैं ऐसे कारीगरों को ढूंढकर वापस उनके देश भेजा जाना चाहिए ।
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