
समाज से कटे होने और अकेले रहने के कारण हो जाते हैैं शिकार, महिलाएं भी हो रही हैं शिकार
इन्दौर। पुलिस (Police) की लाख जागरूकता के बावजूद डिजिटल अरेस्ट (digital arrest) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसका सबसे अधिक शिकार रिटायर्ड अधिकारी (retired officers) हो रहे हैं। पुलिस का मानना है कि ये समाज से कटे रहते हैं और अकेले रहते हैं, इसके कारण ये शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों में आए डिजिटल अरेस्ट के मामलों में से 60 प्रतिशत मामले में डिजिटल अरेस्ट का शिकार रिटायर्ड अधिकारी ही हुए हैं।
राज्य साइबर सेल पर दो दिन में दो डिजिटल अरेस्ट के मामले पहुंचे हं। एक मामले में रिटायर्ड मेडिकल आफिसर ने जीवनभर की कमाई के सवा चार करोड़ रुपए गंवा दिए। दूसरे मामले में एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी और उनकी रिटायर्ड प्रिंसिपल पत्नी ठगी का शिकार होने से बच गई। उनको तीन दिन से डिजिटल अरेस्ट किया हुआ था, लेकिन अखबर से मेडिकल आफिसर का मामला छपने पर उन्होंने साइबर सेल से संपर्क किया और महिला टीआई वहां पहुंची। टीआई को वर्दी में देखकर ठगों ने फोन काट दिया, वहीं पिछले साल क्राइम ब्रांच के पास डिजिटल अरेस्ट के 25 के लगभग मामले पहुंचे थे। इनमें से 60 प्रतिशत मामलों में डिजिटल अरेस्ट का शिकार रिटायर्ड अधिकारी हुए थे, वहीं कुछ मामलों में उद्योगपति महिला सहित कुछ महिलाएं उनका शिकार हुई थीं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रिटायर्ड अधिकारी समाज से कटे हुए रहते हैं और ज्यादातर मामलां में देखा गया है कि वे अकेले ही रहते हैं। उनके बच्चे बाहर होते हैं। इसके चलते वे ठगी का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने इसके लिए बुजुर्गों के लिए भी कई बार साइबर पाठशाला लगाई थी, लेकिन अभी भी कई बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट के फर्जीवाड़े से अनभिज्ञ हैं। 5 महिलाएं भी पिछले कुछ समय में डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई हैं।
आधा दर्जन से अधिक को बचाया
पुलिस ने कुछ समय पहले पूरे प्रदेश स्तर पर जागरूकता के लिए डिजिटल अरेस्ट का विभिन्न माध्यमो से प्रचार-प्रसार किया था। इसका असर भी हुआ और इस साल क्राइम ब्रांच के पास डिजिटल अरेस्ट के पांच-छह ही मामले पहुंचे हैं। आधा दर्जन लोगों को क्राइम ब्रांच ने बचा लिया। बैंकों के अधिकारियों को पुलिस ने निर्देश दिए थे कि यदि कोई बुजुर्गे बड़ी राशि अचानक बैंक से निकालता है तो उसकी सूचना पुलिस को दे। ऐसी ही सूचना पर तुकोगंज क्षेत्र की एक रिटायर्ड अधिकारी के घर एडीसीपी राजेश दंडोतिया पहुंचे थे और उनको डिजिटल अरेस्ट होने से बचाया था। इसके अलावा पांच और लोगों को पुलिस ने इस साल होटल और उनके घर पहुंचकर डिजिटल अरेस्ट से बचाया है।
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