
ये काफी है शहर के यातायात को और बिगाडऩे के लिए
यशवंत रोड चौराहे पर यातायात पुलिस की चेकिंग में धराई, सामान्य ई-रिक्शा से है 2 से 3 फीट लंबी
इंदौर। कल सुबह यशवंत रोड चौराहा (Yashwant Road Square) पर यातायात पुलिस (Traffic police) की चेकिंग में एक ऐसी ई-रिक्शा (E-rickshaw) पकड़ में आई, जिसे मोडिफाइड कर 15 से 17 सीटर बना डाला था। अक्टूबर की खरीदी ई-रिक्शा अब तक बिना नंबर के ही सडक़ों पर दौड़ रही थी। यातायात पुलिस ने उक्त रिक्शा जब्त की।
बीमा, फिटनेस, नंबर प्लेट की शुरू हुई मुहिम में कल जब इस बिना नंबर की ई-रिक्शा को रोका तो देखा कि ये पुरानी मैजिक जैसी नजर आ रही थी। नियम से तो 7 सीटर होना थी, लेकिन ज्यादा सवारियां बैठाने के चक्कर में इंदौर के इस जुगाड़ू चालक ने पीछे की सीट बढ़ाकर इसे 15 सीटर बना लिया था। यात्री जिससे टिकते हैं, उसे खुलवा लिया गया था, जिससे सीट पर दोनों ओर यात्री बैठ सकें। यहां तैनात सूबेदार सैयद काजिम हुसैन रिजवी ने कार्रवाई करते हुए ई-रिक्शा को जब्त किया। सूबेदार रिजवी ने बताया कि पहले तो देखने में ये सामान्य ही लगी, लेकिन जब अंदर से देखा तो पीछे की सीट को मोडिफाइड करवा रखा था। ये मूसाखेड़ी के देवेंद्र विश्वकर्मा ने खरीदी है। ये शहर में चलने वाली मैजिक वैन का ही ई रूप है। जानकारी के मुताबिक शहर में इसी मॉडल की करीब 10 ई-रिक्शा चल रही हैं। फिलहाल सडक़ों पर चल रही सामान्य ई-रिक्शा 8 से 9.75 फीट लंबी है, जबकि इस कंपनी की ई-रिक्शा की लंबाई 11.7 फीट है।
रूट तय नहीं… किराया भी मनमाना
सडक़ सुरक्षा समिति में ई-रिक्शा के रूट को लेकर मुद्दा उठता है और इनके रूट तय करने को लेकर दावे किए जाते हैं। शुरुआत में इसके लिए 51 रूट तय हुए थे, जो कभी लागू ही नहीं हो पाए। बाद में कागजों पर 23 रूट भी तय हुए, लेकिन ई-रिक्शा पूरे शहर, हर गली-मोहल्ले में बेधडक़ दौड़ती नजर आ रही है। इनके किराए को लेकर इसी साल जुलाई में तत्कालीन संभागायुक्त दीपकसिंह ने आदेश जारी किए थे, क्योंकि लगातार इनकी मनमाना किराया वसूली की शिकायतें मिल रही थीं। ई-रिक्शा चालक दो किलोमीटर तक प्रतियात्री 10 रुपए तक किराया ही ले सकेंगे और दो किलोमीटर के बाद प्रति किलोमीटर पांच रुपए देना होंगे, लेकिन इस पर भी कोई मॉनीटरिंग नहीं हो रही है।
9 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड
आरटीओ से मिली जानकारी के मुताबिक शहर में 9 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हो चुकी हैं, जबकि सडक़ों पर दौड़ रही ई-रिक्शा की अनुमानित संख्या तो 10 हजार से ज्यादा है। फिलहाल शहर की यातायात व्यवस्था को बिगाडऩे में भी इनका अहम किरदार है। ये सडक़ पर कहीं भी खड़ी होकर सवारियां बैठा लेती हैं तो यातायात नियम को तोडऩे में भी आगे हैं। कई ई-रिक्शा सवारियों के बजाय सामान ढोने का काम कर रही हैं। कई ई-रिक्शा सवारियों को लेकर हादसे का शिकार भी हुई हैं। यातायात पुलिस ने बीते 10 दिन से इन पर कार्रवाई शुरू की है।
जल्दी ही रूट होंगे फाइनल
‘ई-रिक्शा को लेकर चलाए जा रहे यातायात पुलिस के अभियान में अब तक करीब 550 से ज्यादा ई-रिक्शा पर बीते 10 दिन में कार्रवाई हो चुकी है। राजबाड़ा क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही इसके रूट फाइनल किए जाएंगे।’’
– संतोषकुमार कौल, एडिशनल डीसीपी (पश्चिम) यातायात
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