
शहर में कई निजी और सरकारी कॉलेज, जहां हो सकता है मरीजों का इलाज
इन्दौर। अस्पताल में बेड की कमी को लेकर बंद पड़े नर्सिंग कॉलेज Nursing Colleges) और होस्टलों का उपयोग किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) से जुड़े लोगों ने ही यह प्रस्ताव अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दिया है। अगर प्रस्ताव को जिला प्रशासन या राज्य सरकार मानती है तो बेड की समस्या से निजात पाई जा सकती है। वहीं यहां पढऩे वाले स्टूडेन्ट्स स्टाफ के रूप में भी सेवा दे सकते हैं।
इंदौर जिले में 50 से अधिक नर्सिंग कॉलेज (Nursing Colleges) और उनसे जुड़े होस्टल बंद हैं। पिछले साल कोरोना के कारण इन्हें बंद कर दिया गया था और अब फिर ये बंद हो गए हैं। नर्सिंग कॉलेज खाली होने के कारण यहां बेड लगाए जा सकते हैं और इन्हें कोविड वार्ड में बदला जा सकता है। वहीं इनसे जुड़े होस्टल में तो पूरी तरह से बेड और अलग से ही शौचालय तक की सुविधा है। इन स्थानों पर भी कोविड मरीज या कम संक्रमित मरीजों को रखा जा सकता है। इसके साथ ही कई ऐसे स्टूडेन्ट्स, जो फाइनल ईयर में थे, उनका उपयोग भी नर्सिंग स्टाफ के रूप में लिया जा सकता है। कुछ स्टूडेन्ट्स ने तो स्वयं सेवा देने की इच्छा जताई है और कहा है कि अगर उनके शहर और गांव से उन्हें लाने के लिए परिवहन व्यवस्था हो जाए तो वे यहां आकर सेवा दे सकते हैं। इस प्रस्ताव को देने के बाद उम्मीद है कि इससे मेडिकल स्टाफ (medical staff) की कमी को दूर किया जा सकेगा।
वैक्सीनेशन में लगे मेडिकल स्टूडेन्ट्स कर रहे परेशानी का सामना
वैक्सीनेशन (Vaccination) के काम में मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेन्ट्स को भी हेल्थ वर्कर के रूप में तैनात किया गया है, लेकिन शहर में लोक परिवहन के साधन बंद होने के कारण ये परेशान हो रहे हैं। कई के सेंटर दूर होने के कारण उन्हें दूसरे वाहनों से लिफ्ट लेकर आना पड़ता है तो कभी पैदल ही आना-जाना पड़ता है। यही नहीं, उन्हें किसी प्रकार भत्ता भी नहीं दिया जाता है, जिसको लेकर वे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। उनका कहना है कि हमारी अस्थायी नियुक्ति भी कर दी जाए तो हम तैयार हैं।
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